फर्जीवाड़ा: ईसाई धर्मगुरु जर्मनी से लौटते ही हिरासत में

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 12-09-2022
फर्जीवाड़ा: ईसाई धर्मगुरु जर्मनी से लौटते ही हिरासत में
फर्जीवाड़ा: ईसाई धर्मगुरु जर्मनी से लौटते ही हिरासत में

 

जबलपुर. द बोर्ड ऑफ एज्युकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायसिस के चेयरमैन बिशप पी सी सिंह को जर्मनी से लौटते ही मध्य प्रदेश के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) के दल ने नागपुर हवाई अड्डे से हिरासत में ले लिया है. बिशप सिंह पर बड़े पैमाने पर धांधली कर अनुदान की राशि को अपने नाम करने का आरोप है.

ईओडब्ल्यू से मिली जानकारी के अनुसार, जब बिशप के जबलपुर के नेपियर टाउन स्थित आवास और कार्यालय पर दबिश दी गई थी, तो उनके जर्मनी में होने का पता चला था. इस मामले में आरोपी से पूछताछ जरुरी है, इसी के चलते आरोपी की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी. इस मामले में ईओडब्ल्यू को सीआईएसएसफ व अन्य एजेंसियों की मदद मिल रही थी. आरोपी के जर्मनी से दिल्ली और दिल्ली से बैंग्लोर होते हुए नागपुर पहुंचने की सूचना मिली. इस आधार पर सीआईएसएफ की मदद से आरेापी को नागपुर हवाई अड्डे पर पुलिस अभिरक्षा में ले लिया गया.

बिशप सिंह के यहां दी गई दबिश में ईओडब्ल्यू को नौ गाड़ियांे, 17 संपत्तियां और 1 करोड़ 65 लाख 14 हजार की नगदी के अलावा 18 हजार 352 यूएस डालर व 118 पाउंड भी मिले हैं. आगे चली जांच में दो करोड़ से ज्यादा की सावधि अर्थात एफडीआर, बैंक में कुल 174 खातों का पता चला. इन बैंक खातों में 128 स्वयं और परिजनों के हैं.

सूत्रों का कहना है कि आरोपी के दाउद इब्राहीम के करीबी से भी रिश्ते होने का पता चला है. इस मामले में भी जांच हो रही है. ज्ञात हो कि ईओडब्ल्यू को एक शिकायती प्रकरण के अंतर्गत 'ट्रस्ट के कार्यों में धांधली की शिकायत विनटेबल फादर हीरा नवल मसीह नागपुर' के द्वारा की गई थी. फादर हीरा नवल मसीह की शिकायत पर जब ईओडब्ल्यू से कार्रवाई की तब चेयरमैन के खिलाफ ट्रस्ट की संस्थाओं का दुरूपयोग, नाम परिवर्तित कर नई संस्थाओं का निर्माण, नई संस्थाओं के नाम से अवैधानिक कार्य, स्कूली संस्थाओं की फीस में गड़बड़ी, निजी कार्यों में ट्रस्ट के पैसों का दुरूपयोग करने जैसे कागज सामने आए हैं.

बताया गया है कि इसके अतिरिक्त ट्रस्ट संस्थाओं की लीज रिनुअल में धोखाधड़ी, उनका सात करोड़ से अधिक का टैक्स न चुकाया जाने जैसे प्रकरण सामने आए हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तीन स्तर पर जांच कराने की बात कही थी. इसमें धर्मांतरण, अवैधानिक कार्य या गैरकानूनी कार्यों को भी जांच में शामिल किया जाना है. शासन द्वारा ट्रस्ट की संस्थाओं को जो जमीन लीज पर दी गई है, इनका उपयोग स्कूल, अस्पताल या धमार्थ के कार्यों में न होकर अन्य व्यवसायिक कार्यों में हो रहा है, तो इसकी जांच ईओडब्ल्यू एवं जिला प्रशासन करेगा. इसके साथ तीसरे स्तर पर कई ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिसमें ट्रस्ट की संस्थाओं के लीज संबंधी प्रकरण में धोखाधड़ी कर टैक्स नहीं चुकाया गया है या नाम परिवर्तित कर दुरूपयोग हो रहा है या लीज नवीनीकरण में स्टांप ड्यूटी की धांधली की शिकायत आयी है, इसमें भी ईओडब्ल्यू और जिला प्रशासन जांच करेगा.