चंडीगढ़
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने राज्य के कई हिस्सों में आई बाढ़ को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह आपदा प्राकृतिक नहीं, बल्कि डैम और जल-संयंत्रों के कुप्रबंधन का नतीजा है।
राजा वड़िंग ने सवाल उठाया कि जब भारी बारिश का पूर्वानुमान पहले ही था, तो ऊपरी इलाकों में बांधों में पानी जमा क्यों होने दिया गया, और समय रहते उसे चरणबद्ध तरीके से छोड़ा क्यों नहीं गया? उन्होंने कहा कि यह लापरवाही नहीं बल्कि आपराधिक उदासीनता है।
पिछले तीन दिनों में बाढ़ प्रभावित कई क्षेत्रों का दौरा कर चुके कांग्रेस नेता ने कहा कि बाढ़ के कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं, कई लोगों की जान चली गई है, और फसलों व मवेशियों का नुकसान अभी आंका नहीं जा सका है।
वड़िंग ने सवाल किया,"अगर पहले से ही बांधों से पानी धीरे-धीरे छोड़ा जाता, तो अतिरिक्त पानी के लिए बांधों में जगह बनी रहती और तबाही से काफी हद तक बचा जा सकता था।"
उन्होंने पठानकोट के माधोपुर हेडवर्क्स के दो बाढ़ गेट गिरने की घटना को खराब रखरखाव का परिणाम बताया। लुधियाना के सांसद वड़िंग ने दावा किया कि समय रहते हेडवर्क्स से अतिरिक्त पानी नहीं छोड़ा गया, जिससे गेट पर भारी दबाव पड़ा और वे टूट गए।
वड़िंग ने इस आपदा के लिए जवाबदेही तय करने और दोषियों को सज़ा देने की मांग की। उन्होंने कहा,"हम यह उम्मीद नहीं करते कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग इस तरह की लापरवाही करें, खासकर संकट की इस घड़ी में।"
पंजाब के कई जिले—पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारण, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर—भारी बारिश और हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में हुई बेतहाशा बारिश के चलते बाढ़ की चपेट में हैं। सतलुज, ब्यास और रावी नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है, जिससे भारी तबाही मची है।