पुलिस को धमकाने पर रायपुर करणी सेना प्रमुख के खिलाफ एफआईआर

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 15-11-2025
FIR against Raipur Karni Sena chief for threatening police
FIR against Raipur Karni Sena chief for threatening police

 

रायपुर

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में क्षत्रिय करणी सेना (KKS) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत के खिलाफ शनिवार को मामला दर्ज किया गया। उन पर फेसबुक लाइव के दौरान पुलिस को कथित रूप से धमकाने और भड़काऊ बयान देने का आरोप है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की।

जानकारी के अनुसार, 10 नवंबर को किए गए फेसबुक लाइव में शेखावत ने रायपुर पुलिस पर उस कार्रवाई को लेकर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें स्थानीय निवासी और करणी सेना के छत्तीसगढ़ प्रमुख विरेन्द्र सिंह तोमर को गिरफ्तार किया गया था। लाइव वीडियो में शेखावत ने कहा कि वह “पुलिस अधिकारियों और उन सभी के घरों में घुसेंगे” जो तोमर के खिलाफ कार्रवाई में शामिल थे।

रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लाल उमेद सिंह ने बताया कि मौढापारा थाने में इंस्पेक्टर योगेश कश्यप की शिकायत के आधार पर शेखावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की धाराओं 296 (अश्लील कृत्य), 224 (लोक सेवक को चोट पहुँचाने की धमकी) और 351 (आपराधिक धमकी) में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि शेखावत ने अपने लाइव में कई आपत्तिजनक और धमकीभरे शब्दों का इस्तेमाल किया। मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।

कश्यप ने अपनी शिकायत में बताया कि रायपुर के पुरानी बस्ती थाने में 16 मार्च 2024 से 11 सितंबर 2025 तक बतौर थाना प्रभारी रहते हुए उन्होंने कई स्थानीय अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इनमें विरेन्द्र सिंह उर्फ रूबी तोमर, उनके भाई रोहित सिंह तोमर और उनके साथी शामिल थे। यह कार्रवाई पीड़ितों की लिखित शिकायतों के आधार पर की गई थी।

शिकायत के मुताबिक, इसी कार्रवाई को लेकर शेखावत ने 10 नवंबर के फेसबुक लाइव में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया और गंभीर धमकियाँ दीं। उन्होंने कथित रूप से कहा कि वे “पुलिस अधिकारियों और इस घटना से जुड़े किसी भी मंत्री-संत्री के घर में घुस आएंगे।”

शेखावत ने यह भी दावा किया कि कई अधिकारियों ने गलत तरीके से कार्रवाई की है और चेतावनी दी कि क्षत्रिय समुदाय के लोग जल्द ही बड़ी संख्या में रायपुर पहुँचकर प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि विरोध के समय और स्थान की जानकारी वह बाद में देंगे और समुदाय के लोगों को लाठी और भगवे झंडे लेकर आने को कहा।

जब इस मामले पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा कि समाज को अपराधियों का समर्थन नहीं करना चाहिए और किसी को भी पुलिस को धमकाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने साफ कहा, “यह गंभीर अपराध है। यदि कोई ऐसा करता है तो कानून अपना काम करेगा।”
शर्मा ने कहा कि कोई भी सामाजिक संगठन इसलिए होता है कि वह समाजहित के काम करे, न कि अपराधियों का संरक्षण दे।

गौरतलब है कि रायपुर पुलिस ने विरेन्द्र सिंह तोमर को नौ नवंबर को ग्वालियर से गिरफ्तार किया था। वह छह महीने से फरार चल रहा था। गिरफ्तारी के बाद उसे रायपुर की सड़कों पर परेड कराया गया था।
विरेंद्र तोमर और उसके भाई रोहित तोमर के खिलाफ तेलीबांधा और पुरानी बस्ती थानों में कई मामले दर्ज हैं, जिनमें हमला, अवैध संपत्ति लेनदेन, अवैध हथियार रखना और करोड़ों की रंगदारी वसूली जैसे अपराध शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि फरार रोहित तोमर की तलाश जारी है।