फरवरी 2020 दंगे: उमर खालिद, शरजील इमाम, अन्य की जमानत याचिकाओं पर पुलिस से जवाब मांगा

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 22-09-2025
February 2020 riots: Police's response sought on bail pleas of Umar Khalid, Sharjeel Imam, others
February 2020 riots: Police's response sought on bail pleas of Umar Khalid, Sharjeel Imam, others

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
उच्चतम न्यायालय ने फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों की कथित साजिश से जुड़े एक मामले में आरोपियों- उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा और मीरान हैदर की जमानत याचिकाओं पर दिल्ली पुलिस से सोमवार को जवाब तलब किया.
 
न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की पीठ ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) से जुड़े मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया और सुनवाई सात अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी.
 
सुनवाई शुरू होते ही न्यायमूर्ति कुमार ने स्पष्ट किया कि इस मामले की सुनवाई 19 सितंबर को नहीं हो सकी थी, क्योंकि उनके साथ पीठ में शामिल न्यायमूर्ति मनमोहन इस मामले से खुद को अलग करना चाहते थे। न्यायमूर्ति मनमोहन का कहना था कि एक समय वह वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के चैंबर में उनके सहयोगी हुआ करते थे.
 
फातिमा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि याचिकाकर्ता छात्र हैं और पांच साल से ज़्यादा समय से जेल में बंद हैं.
 
जब उन्होंने अंतरिम जमानत अर्जी पर शीर्ष अदालत से नोटिस जारी करने का अनुरोध किया, तो इसने कहा कि वह मुख्य याचिका का अंतिम रूप से निपटारा करेगी.
 
याचिकाकर्ताओं ने दो सितंबर के दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें खालिद और इमाम सहित नौ लोगों को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा गया था कि आंदोलन या विरोध प्रदर्शनों की आड़ में नागरिकों द्वारा ‘‘षड्यंत्रकारी’’ हिंसा की अनुमति नहीं दी जा सकती.
 
खालिद और इमाम के अलावा जिन आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज हुई उनमें फातिमा, हैदर, मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, अतहर खान, अब्दुल खालिद सैफी और शादाब अहमद शामिल हैं.
 
एक अन्य अभियुक्त, तस्लीम अहमद की जमानत याचिका दो सितंबर को उच्च न्यायालय की एक अन्य पीठ ने खारिज कर दी थी.