कटरा/जम्मू
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को वैष्णो देवी मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस से श्रीनगर लौटते हुए देश और जम्मू-कश्मीर में शांति, प्रगति और भाईचारे के लिए प्रार्थना की। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये दुआएं जरूर पूरी होंगी।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “मैंने मां वैष्णो देवी के दर्शन किए और दिल से प्रार्थना की कि हमारे देश में शांति, तरक्की और भाईचारा बढ़े। हम सभी आगे बढ़ें और हमारा देश विकास के पथ पर निरंतर अग्रसर रहे।”
87 वर्षीय अब्दुल्ला पहली बार वंदे भारत ट्रेन से मंगलवार को कटरा पहुंचे थे। ट्रेन के जरिए कश्मीर का शेष भारत से जुड़ाव हुआ है, जिसे अब्दुल्ला ने ‘‘एक नई शुरुआत’’ बताया। उन्होंने मंदिर परिसर में रात बिताई और विशेष पूजा में भाग लिया।
अब्दुल्ला के साथ उनके पोते जमीर और जाहिद, जम्मू-कश्मीर सरकार के मंत्री सतीश शर्मा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के सलाहकार नासिर असलम वानी, एनसी के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक सहित कई विधायक मौजूद थे।
रात्रि प्रवास को लेकर पूछे गए सवाल पर अब्दुल्ला ने कहा, “मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। यह सेवा (वंदे भारत) हमारे लिए एक नई शुरुआत है, जिससे ना केवल वैष्णो देवी आने वाले श्रद्धालुओं को बल्कि अमरनाथ गुफा की यात्रा पर आने वालों को भी सुविधा होगी। इससे जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।”
मंत्री सतीश शर्मा ने बताया कि 3 जून को गांदरबल में मेले के दौरान अब्दुल्ला ने वैष्णो देवी मंदिर आने की इच्छा जताई थी। “हमने यहां तीन बार दर्शन किए। अब्दुल्ला साहब ने दो-तीन किलोमीटर पैदल चलकर मंदिर पहुंचकर जम्मू-कश्मीर के खोए हुए गौरव को फिर से पाने की प्रार्थना की। जम्मू-कश्मीर भारत का मुकुट है और हम चाहते हैं कि यह फिर से उसी ऊंचाई पर पहुंचे,” शर्मा ने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि इस यात्रा में उन्होंने भारत की वैश्विक प्रगति और हालिया 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के शिकार हुए लोगों के लिए भी प्रार्थना की।
शर्मा ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, “वे कभी अपनी नापाक साजिशों में सफल नहीं होंगे। आतंकवाद एक उद्योग बन चुका है, लेकिन हमारी बहादुर सुरक्षा बलों ने हमेशा उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है और आगे भी देंगे।”
एनसी के प्रांतीय अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला की इस यात्रा ने देशभर में एक सकारात्मक संदेश दिया है। “पहलगाम हमले के बाद पर्यटन पर असर पड़ा था, लेकिन अब हमें उम्मीद है कि स्थिति फिर से पटरी पर लौटेगी। अब्दुल्ला के मंदिर में रात्रि प्रवास के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में तत्काल वृद्धि देखी गई है।”
गुप्ता ने बताया कि विशेष पूजा में सभी ने हिस्सा लिया और अब्दुल्ला को छोड़कर शेष सभी सदस्य भैरो घाटी भी पहुंचे और वहां भी पूजा-अर्चना की।






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