देहरादून (उत्तराखंड)
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में "आत्मनिर्भर भारत - स्वदेशी प्रतिज्ञा: हर घर स्वदेशी, हर घर स्वदेशी" कार्यक्रम पर मीडिया से बातचीत के दौरान स्वदेशी के महत्व के बारे में बात की।
सीएमओ के अनुसार, मुख्यमंत्री धामी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि स्वदेशी सिर्फ़ एक नारा नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत की नींव है। यह हमारी प्राचीन, सनातन संस्कृति में निहित एक जीवन शैली है।
विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2047 तक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए की गई प्रतिबद्धता को और मज़बूत करेगा। स्वदेशी का संकल्प हमारे किसानों, कारीगरों, छोटे व्यापारियों और उद्यमियों के प्रति सम्मान को भी दर्शाता है।
स्वदेशी केवल आर्थिक मजबूती का साधन नहीं है; यह हमारी मातृभूमि के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। स्वदेशी को अपनाकर हम न केवल अपनी ज़मीन से जुड़ते हैं, बल्कि अपनी अर्थव्यवस्था को भी मज़बूत करते हैं।
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम को ऊर्जावान बनाने में स्वदेशी आंदोलन के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी और महर्षि अरबिंदो जैसे नेताओं ने दिखाया कि स्वदेशी राष्ट्र निर्माण की नींव है।
स्वतंत्रता के बाद, दत्तोपंत ठेंगड़ी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसी विभूतियों ने स्वदेशी सिद्धांतों पर आधारित अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाया।
उन्होंने आगे बताया कि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए जीएसटी दरों में संशोधन की घोषणा की, जो 22 सितंबर को नवरात्रि से लागू हो गए।
इस कदम से व्यापारियों और आम लोगों, दोनों को लाभ हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इसके लाभों को समझने के लिए विभिन्न स्थानों पर व्यापारियों और उपभोक्ताओं से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की है, और प्रतिक्रिया अत्यधिक सकारात्मक रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने "वोकल फॉर लोकल" और "मेक इन इंडिया" जैसी पहलों के माध्यम से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आज स्वदेशी खादी और पारंपरिक दीयों से आगे बढ़ गया है।
इसमें ब्रह्मोस मिसाइल, तेजस विमान, सेमीकंडक्टर, डिजिटल इंडिया और यूपीआई जैसी आधुनिक तकनीकें शामिल हैं। इसका प्रभाव ऑपरेशन सिंधुर में स्पष्ट रूप से दिखाई दिया, जिसमें पाकिस्तान में आतंकवादी ढाँचे को निशाना बनाया गया था। कोविड-19 संकट ने भारत की स्वदेशी क्षमताओं को और उजागर किया है, जहाँ अब पीपीई किट और टीके आयात के बजाय घरेलू स्तर पर उत्पादित किए जा रहे हैं।
उन्होंने उत्तराखंड में की गई पहलों पर प्रकाश डाला, जैसे कि स्थानीय उत्पादों के विपणन के लिए अम्ब्रेला ब्रांड "हाउस ऑफ़ हिमालयाज़" की स्थापना, जो सीमित संसाधनों के बावजूद उच्च गुणवत्ता बनाए रखता है। "एक ज़िला, एक उत्पाद" योजना भी जमीनी स्तर के प्रयासों को बढ़ावा दे रही है। किसान और काश्तकार शहद, मंडुआ, झंगोरा, रागी, मसाले और औषधीय पौधों का उत्पादन करके आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोज़गार और लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ-साथ युवाओं को स्टार्टअप और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से स्वदेशी उद्यमिता अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने पर ज़ोर दिया। "हर घर स्वदेशी" अभियान के तहत पूरे उत्तराखंड में जागरूकता फैलाई जाएगी। उन्होंने उत्तराखंड के लोगों और भारत के सभी नागरिकों से नवरात्रि, दशहरा, दिवाली और शादियों के दौरान रोज़मर्रा की चीज़ें खरीदते समय स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए, हमें स्वदेशी अपनाना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले अधिकांश उत्पाद स्थानीय स्तर पर ही निर्मित हों। ये सामूहिक प्रयास हमें आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में मार्गदर्शन करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि सभी लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड" के मंत्र को पूरे दिल से अपनाएँ और आत्मसात करें।