नई दिल्ली
म्यांमार से सटी सीमा के पास पहली बार की गई कार्रवाई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को मिजोरम, असम और गुजरात के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की।छापेमारी कार्य प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत अंजाम दिया गया। मिजोरम के आइजोल और चम्पाई, असम के श्रीभूमी (करिमगंज) और गुजरात के अहमदाबाद में ED ने अलग-अलग जगहों पर छानबीन की।
ED ने यह जांच मिजोरम पुलिस द्वारा एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act), 1985 के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर शुरू की थी, जिसमें छह व्यक्तियों से कुल 4.724 किलो हेरोइन बरामद हुई थी, जिसकी अनुमानित कीमत ₹1,41,66,000 थी।जांच के दौरान, गिरफ्तार व्यक्तियों के वित्तीय विश्लेषण से मिजोरम स्थित फर्मों और गुजरात स्थित फर्मों के बीच वित्तीय संबंध सामने आए।
ED ने बताया, "गुजरात की फर्मों ने मिजोरम स्थित फर्मों को प्स्यूडोएफेड्रीन टैबलेट्स (NDPS-RCS ऑर्डर 2013 में सूचीबद्ध Schedule-A, B, C पदार्थ) और कैफीन एन्हाइड्रस (मेथामफेटामाइन टैबलेट्स के निर्माण में प्रयुक्त प्री-प्रिकर्सर) की आपूर्ति की। ये फर्में मिजोरम के चम्पाई में हवालाधारियों के माध्यम से मादक पदार्थों की तस्करी और हवाला लेनदेन में शामिल थीं। मिजोरम स्थित फर्मों के वित्तीय संबंध कोलकाता स्थित शेल कंपनियों से भी जुड़े पाए गए, जिन्होंने कैफीन एन्हाइड्रस का यह कंसाइनमेंट खरीदा था।"
ED ने आगे कहा, "मेथामफेटामाइन के उत्पादन में प्रयुक्त प्रिकर्सर भारत से म्यांमार तक ले जाए जाते हैं, जहाँ उनका निर्माण होता है, और अंतिम उत्पाद म्यांमार से भारत में मुख्यतः मिजोरम राज्य के रास्ते लाया जाता है।"
जांच के अनुसार, नार्को-हवाला ऑपरेटरों के बैंक खातों में कुल ₹52.8 करोड़ के भारी क्रेडिट पाए गए, जिसमें असम, मिजोरम, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और दिल्ली में नकद जमा भी शामिल है। ED ने बताया कि इन नार्को-हवाला ऑपरेटरों के विस्तृत बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
PMLA, 2002 के तहत जारी जांच के दौरान ED ने बताया कि छापेमारी में ₹35,00,000 नकद के साथ डिजिटल उपकरणों में अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य भी बरामद हुए हैं, जिनकी जाँच अभी जारी है।