ईडी ने बौद्ध कल्याण ट्रस्ट के चेयरमैन की संपत्तियां की अटैच

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 25-03-2021
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)

 

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धोखाधड़ी के एक मामले में बौद्ध कल्याण ट्रस्ट के चेयरमैन सुरेंद्र कुमार और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर आयोजित 1.01 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है.

बौद्ध वेलफेयर ट्रस्ट के मामले में ट्रस्ट का भोले-भाले सदस्यों से वसूली करने के लिए इस्तेमाल किया गया था, उन्हें बताया गया था कि ट्रस्ट द्वारा एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी ओर उसमें इन लोगों को आजीवन सदस्यता प्रदान की जाएगी. हालांकि, इस कथित मेडिकल कॉलेज की स्थापना कभी नहीं की गई थी. संलग्न संपत्ति में पटना और सासाराम, बिहार में स्थित 14 अचल संपत्तियां शामिल हैं. इस ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार, ट्रस्ट की सचिव सीता कुमारी और उनकी बेटी लिप्सा कुमार के नाम की चल संपत्तियों में बैंक शेष और बीमा पॉलिसियां शामिल हैं.

अटैच संपत्तियों का कुल मूल्य 1.01 करोड़ रुपए है, जिनमें बिहार के पटना के विंध्य अंबिका अपार्टमेंट में सीता कुमारी के नाम पर 74.40 लाख कीमत का एक आवासीय फ्लैट, बिहार के रोहतास के सासाराम में सुरेंद्र कुमार और सीता कुमारी के नाम पर 23.71 लाख रुपए के तेरह भूमि प्लॉट, सुरेंद्र कुमार, सीता कुमारी और उनकी बेटी लिप्सा कुमार के नाम पर तेरह बैंक खातों में 56,785 रुपए और सुरेंद्र कुमार और सीता कुमारी के नाम पर 2.87 लाख रुपए की पांच एलआईसी बीमा पॉलिसियां शामिल हैं. 

ईडी ने बिहार पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है. बिहार पुलिस द्वारा सुरेंद्र कुमार और उनकी पत्नी सीता कुमारी के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की गई है.

ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग की जांच से पता चला कि सुरेंद्र कुमार और उनकी पत्नी सीता कुमारी ने एक ‘बौद्ध कल्याण ट्रस्ट’ खोला, जिसमें सुरेंद्र कुमार अध्यक्ष थे और सीता कुमारी ट्रस्ट की सचिव थीं. वे ट्रस्ट के अन्य सदस्यों को झूठे आश्वासन देकर ठगते थे कि ट्रस्ट एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना करेगा और ट्रस्ट के दानदाताओं को आजीवन सदस्यता दी जाएगी.

इस तरह उन्होंने बहुत बड़ी धनराशि जमा कर ली थी, जिसे बाद में ट्रस्ट के खाते से निकाल कर सुरेंद्र कुमार, उनकी पत्नी सीता कुमारी और उनकी बेटी लिप्सा कुमार के व्यक्तिगत खातों में भेज दी गई. इस पैसे को अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल किया गया था और उनके निजी नामों पर चल और अचल संपत्तियों को हासिल किया गया था. ईडी की जांच आगे जारी है.