Dharmasthala case: Complainant Chinnaiah records his voluntary statement before the magistrate
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
कर्नाटक में ‘धर्मस्थल’ नामक क्षेत्र से जुड़े मामले में शिकायतकर्ता चिन्नैया ने स्वैच्छिक रूप से अपना बयान शनिवार देर शाम अदालत के समक्ष दर्ज कराया। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बेल्थांगडी में अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश और न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट ने उसका बयान दर्ज किया।
शिवमोगा जेल में बंद 45 वर्षीय चिन्नैया को सुबह पुलिस सुरक्षा में अदालत लाया गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उसका बयान भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 183 के तहत दर्ज किया गया।
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने चिन्नैया को पहले झूठी गवाही देने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने 11 जुलाई को अदालती कार्यवाही के दौरान झूठे दावे किए थे।
पुलिस के अनुसार, स्वैच्छिक रूप से दिये गए अपने बयान में चिन्नैया ने स्वीकार किया कि धर्मस्थल में दो दशक की अवधि में बलात्कार, हत्या और लोगों के दफनाए जाने की कई घटनाओं से जुड़ी शिकायत और उसके द्वारा पहले दी गई गवाही, दोनों ही झूठी थीं और कुछ व्यक्तियों के इशारे उसने ऐसा किया था।
तकनीकी कारणों से पुलिस ने उन व्यक्तियों के नाम का खुलासा नहीं किया है। उसने अदालत को यह भी बताया कि 11 जुलाई को उसने जो खोपड़ी सबूत के तौर पर पेश की थी, वह सौजन्या के चाचा विट्ठल गौड़ा ने उन्हें सौंपी थी। एसआईटी की ओर से मामले की जांच जारी है।