आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक स्तर की ओर बढ़ रहा है। शनिवार सुबह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, अक्षरधाम क्षेत्र का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 230 दर्ज किया गया, जो ‘Poor’ श्रेणी में आता है। वहीं जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के पास बारापुला फ्लाईओवर के नजदीक AQI 252 रहा।
गाजियाबाद के फेफड़ों के रोग विशेषज्ञ डॉ. शरद जोशी ने चेतावनी दी है कि दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण स्तर से श्वसन संबंधी रोगियों की स्थिति बिगड़ सकती है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने, वाहनों से निकलने वाले धुएं और आतिशबाजी से हवा में सूक्ष्म कणों (PM 2.5 और PM 10) की मात्रा बढ़ रही है, जिससे खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द जैसी समस्याएं हो रही हैं।
डॉ. जोशी ने कहा कि जिन लोगों को पहले से अस्थमा, सीओपीडी या टीबी का इतिहास रहा है, उनके लिए यह मौसम और खतरनाक है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि बच्चे और बुजुर्ग, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, वे भी इस प्रदूषण के दुष्प्रभाव से नहीं बच पाते।
उन्होंने सुझाव दिया कि लोगों को वाहन उपयोग कम करने के लिए कारपूलिंग, घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल, रसोई की सही वेंटिलेशन, अगरबत्ती या मोमबत्ती जैसे इनडोर प्रदूषण स्रोतों से बचने और बाहर निकलते समय N95 या डबल मास्क पहनने की सलाह दी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार सुबह दिल्ली का समग्र AQI 367 रहा, जो ‘Very Poor’ श्रेणी में है। सबसे ज्यादा AQI आनंद विहार (370) और अक्षरधाम (369) में दर्ज किया गया।
इसी बीच, दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज-1 लागू कर दिया गया है। इसमें 27 एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं, जिनमें एंटी-स्मॉग गन, पानी का छिड़काव और निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण उपाय शामिल हैं।
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आगामी दिनों में हवा की गुणवत्ता में और गिरावट आ सकती है, जिससे दिल्लीवासियों की परेशानी और बढ़ेगी।