नई दिल्ली
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि पड़ोसी देशों में कई अल्पसंख्यक समुदाय वर्षों से हिंसा और जबरन धर्मांतरण का सामना कर रहे हैं, और पहले की सरकारें भारत आने वाले शरणार्थियों को उनके उचित अधिकार नहीं देती थीं। उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय, जो सच में मदद का हकदार था, उसे नजरअंदाज किया गया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका दर्द समझा। यही कारण है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2019 पेश किया गया।
सिंधी समाज सम्मेलन में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, "पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक वर्षों से पीड़ित रहे। उनके घर जलाए गए, बच्चों की हत्या हुई, बेटियों के साथ क्रूरता हुई और लोग जबरन धर्मांतरण के शिकार हुए। जब कई लोग किसी तरह भारत आए, तो उन्हें सत्ताधारी सरकारों द्वारा उचित अधिकार नहीं दिए गए। उनकी पीड़ा को समझने के बजाय उन्हें अपमानित किया गया।"
CAA 2019 के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता देने की सुविधा दी गई है। यह अधिनियम 12 दिसंबर 2019 को अधिसूचित हुआ और 10 जनवरी 2020 से प्रभावी है।