बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति जटिल और परिवर्तनशील: संसदीय समिति

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 19-12-2025
Current situation in Bangladesh complex and changing: Parliamentary committee
Current situation in Bangladesh complex and changing: Parliamentary committee

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली

 
विदेश मामलों की एक संसदीय समिति ने कहा है कि बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति “जटिल और परिवर्तनशील” है। विदेश मंत्रालय ने समिति को बताया कि सरकार बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर “चिंतित” है।
 
‘भारत-बांग्लादेश संबंधों का भविष्य’ शीर्षक से अपनी रिपोर्ट में समिति ने कहा कि हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों के व्यापक द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव के संदर्भ में विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत ने द्विपक्षीय संबंधों को इन घटनाओं के असर से “अलग-थलग रखने” के लिए हर संभव प्रयास किया है।
 
कांग्रेस नेता शशि थरूर की अगुवाई वाली विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति की यह रिपोर्ट बृहस्पतिवार को संसद में पेश की गई।
 
रिपोर्ट में कहा गया है, “समिति को अवगत कराया गया है कि बांग्लादेश में वर्तमान स्थिति जटिल और परिवर्तनशील है। लोकतांत्रिक चुनावों के कार्यक्रम को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। अगस्त 2024 के राजनीतिक घटनाक्रम ने भारी अस्थिरता और अनिश्चितता पैदा की है और हिंसा, अल्पसंख्यकों, आदिवासी समुदायों, मीडिया समूहों, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों और शिक्षाविदों पर हमले तथा धमकी की घटनाएं सामान्य हो गई हैं।”
 
समिति ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण सभा पर प्रतिबंध सहित मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दों को लेकर भी चिंताएं जताई गई हैं।
 
रिपोर्ट के अनुसार, “राजनीतिक अस्थिरता” के चलते बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में सामाजिक अशांति फैली और विरोध-प्रदर्शन हुए हैं। बढ़ती महंगाई और आर्थिक मंदी के कारण आर्थिक कठिनाइयां भी बढ़ी हैं। वैश्विक आर्थिक मंदी सहित विभिन्न कारणों से देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ा है।
 
विदेश मंत्रालय ने समिति को यह भी बताया कि भारत अंतरिम सरकार के साथ लगातार संपर्क में है और बांग्लादेश के लोगों की आकांक्षाओं का समर्थन करता है।
 
मंत्रालय के अनुसार, “अपना समर्थन व्यक्त करते हुए भारत सरकार ने रेखांकित किया है कि हमारी नीतियां जन-केंद्रित हैं और किसी विशेष राजनीतिक व्यवस्था को लक्ष्य नहीं करतीं।”
 
रिपोर्ट में इस वर्ष चार अगस्त को समिति की बैठक के दौरान भारत के विदेश सचिव द्वारा की गई टिप्पणियों का भी उल्लेख किया गया है।
 
विदेश सचिव के हवाले से कहा गया, “अगस्त 2024 की घटनाओं के बाद बांग्लादेश के साथ हमारे समग्र दृष्टिकोण में कोई बदलाव नहीं आया है। हमारी नीति को रचनात्मक, व्यावहारिक, पारस्परिक रूप से लाभकारी और बेहतर भावी संबंधों के रूप में संक्षेपित किया जा सकता है।”
 
उन्होंने कहा, “इसके साथ ही, हमने अंतरिम सरकार के साथ हमारे लिए रणनीतिक महत्व के कई मुद्दों और क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़े विषयों पर संवाद किया है। निश्चित रूप से, बढ़ते कट्टरपंथ, अल्पसंख्यकों पर हमलों और समग्र द्विपक्षीय माहौल से जुड़ी चिंताएं भी हैं।”
 
समिति ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने भारत-बांग्लादेश संबंधों में मौजूदा प्रमुख चुनौतियों और उन्हें लेकर सरकार की रणनीति की जानकारी भी दी है।
 
मंत्रालय के अनुसार, दोनों देशों के संबंधों में प्रमुख चुनौतियां “अवैध आव्रजन, कट्टरपंथ और उग्रवाद, क्षेत्रीय सुरक्षा तथा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ उग्र बयानबाजी” जैसे मुद्दों से संबंधित हैं।