Coal's share in energy consumption is expected to decline to 30-35 percent by 2047: Experts
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
विशेषज्ञों ने देश की ऊर्जा खपत में कोयले की हिस्सेदारी 2047 तक घटकर 30-35 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। उनका कहना है कि भविष्य में वृद्धि के लिए जीवाश्म ईंधन का जिम्मेदारी से और संतुलित उपयोग बेहद जरूरी है।
इस समय भारत के बिजली उत्पादन में कोयले की हिस्सेदारी लगभग 70 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2024–25 में भारत ने एक अरब टन से अधिक कोयला उत्पादन किया, जबकि कुल बिजली उत्पादन में कोयला आधारित बिजली का योगदान 72 प्रतिशत रहा।
कोल इंडिया लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी एम प्रसाद ने कहा कि आने वाले तीन से चार दशकों में प्राथमिकता उत्सर्जन को कम करने और जहां संभव हो, बेहतर और स्वच्छ तकनीकों को अपनाने की होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ''2047 तक कोयले की हिस्सेदारी मौजूदा स्तर से घटकर लगभग 30–35 प्रतिशत रह जाएगी। इसे देखते हुए जब तक कोयले का उपयोग होता रहेगा, तब तक इसका जिम्मेदारी से और पर्यावरण अनुकूल तरीके से इस्तेमाल करना जरूरी है।''
प्रसाद वर्तमान में टिकाऊ कोयले के लिए वैश्विक गठबंधन ‘फ्यूचरकोल’ की भारत इकाई के चेयरमैन हैं।