Claims of notices to Hindi news channels over Urdu words are misleading; ministry only forwarded complaint: PIB Fact-Check
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (@MIB_India) ने हिंदी समाचार चैनलों को उर्दू शब्दों के इस्तेमाल के खिलाफ नोटिस जारी करने के दावों को भ्रामक बताया है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट में कहा जा रहा है कि मंत्रालय ने पांच बड़े हिंदी न्यूज़ चैनलों—आज तक, एबीपी न्यूज, जी न्यूज, टीवी9 भारतवर्ष और टीवी18—को औपचारिक नोटिस जारी किया है और उन्हें भाषा विशेषज्ञ नियुक्त करने का भी निर्देश दिया है.
हालांकि, PIB फैक्ट-चेक ने इन दावों को #Misleading (भ्रामक) करार दिया है। मंत्रालय के अनुसार, यह नोटिस नहीं बल्कि 9 सितंबर 2025 को दर्ज एक दर्शक की शिकायत थी, जिसे केबल टेलीविज़न नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम के प्रावधानों के तहत संबंधित चैनलों को अग्रसारित किया गया है.
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि चैनलों को केवल यह निर्देश दिया गया है कि वे शिकायतकर्ता को उठाए गए कदमों की जानकारी दें और नियमानुसार मंत्रालय को भी अवगत कराते रहें। यह प्रक्रिया अधिनियम के तहत की जाने वाली सामान्य कार्रवाई है, जिसका उद्देश्य शिकायतों के निस्तारण में पारदर्शिता लाना है.
अधिकारियों ने बताया कि किसी चैनल को नोटिस जारी करना या दंडात्मक कार्रवाई करना अलग प्रक्रिया है, जो मंत्रालय के आधिकारिक आदेश और पुष्टि के बाद ही होती है। भाषा विशेषज्ञ नियुक्त करने या किसी विशेष शब्दावली के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने जैसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है.
इस प्रकार, मंत्रालय द्वारा चैनलों को भेजा गया संचार किसी दंडात्मक या निर्देशात्मक नोटिस के बजाय केवल एक दर्शक की शिकायत को अग्रसारित करने की सामान्य प्रक्रिया है। सोशल मीडिया पर चल रहे दावे वास्तविकता से मेल नहीं खाते.