बीजिंग
चीन का सबसे नया और तीसरा विमानवाहक पोत, 'फुजियान', शुक्रवार को पहली बार ताइवान जलडमरूमध्य से होकर गुजरा। यह जलक्षेत्र चीन को ताइवान से अलग करता है। चीन इस स्वशासित द्वीप को अपना हिस्सा मानता है।
अमेरिका और सहयोगियों के लिए चेतावनी
जलडमरूमध्य से चीन के विमानवाहक पोत का गुजरना अमेरिका और ताइवान का समर्थन करने वाले अन्य देशों के लिए एक चेतावनी हो सकता है। हालाँकि, चीन ने इस तरह की किसी भी मंशा से इनकार किया है। नौसेना ने सोशल मीडिया पर एक संक्षिप्त पोस्ट में बताया कि 'फुजियान', जो नौसेना में शामिल होने से पहले समुद्री परीक्षण से गुजर रहा है, प्रशिक्षण और वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए दक्षिण चीन सागर जा रहा था। नौसेना ने यह भी स्पष्ट किया कि इस परीक्षण का उद्देश्य किसी को निशाना बनाना नहीं था।
एक सामान्य मार्ग
सरकारी मीडिया ने एक विशेषज्ञ के हवाले से बताया कि ताइवान जलडमरूमध्य, विमानवाहक पोत के लिए दक्षिण चीन सागर तक पहुँचने का एक सामान्य और सबसे उचित मार्ग है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 'फुजियान' पहली बार इस जलडमरूमध्य से गुजरा है।
अमेरिकी नौसेना और उसके सहयोगी देश भी समय-समय पर इस जलडमरूमध्य से युद्धपोत भेजते रहते हैं। ऐसा करके वे ताइवान पर बीजिंग के दावे के लिए बल प्रयोग के किसी भी प्रयास को चुनौती देते हैं।चीन और ताइवान 1949 में गृहयुद्ध के कारण विभाजित हो गए थे, जिसके बाद कम्युनिस्टों ने मुख्य भूमि चीन में सत्ता संभाली और पराजित राष्ट्रवादी सरकार ने ताइवान द्वीप पर अपनी सरकार स्थापित की।