नई दिल्ली
केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ परामर्श कर एक ऐसा तंत्र विकसित करेगी जिससे किफायती आवास परियोजनाओं के लिए जमीन की कीमतें अन्य आवासीय परियोजनाओं की तुलना में कम रखी जा सकें, खासतौर पर प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत।
17वें नेरेडको (NAREDCO) राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मंत्री खट्टर ने कहा कि वे राज्य के आवास मंत्रियों और वरिष्ठ नीति निर्माताओं की बैठक बुलाएंगे ताकि सस्ती ज़मीन की कीमतों पर आम सहमति बन सके।
हालांकि उन्होंने इस बैठक के लिए कोई तय समयसीमा नहीं दी, लेकिन यह आश्वासन ज़रूर दिया कि यह परामर्श जल्द किया जाएगा। साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि इसके साथ-साथ आवास क्षेत्र में तेजी लाने के लिए नीतिगत सुधार भी केंद्र और राज्यों के संबंधित पक्षों के साथ मिलकर किए जाएंगे।
मंत्री खट्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि भूमि एक राज्य विषय होने के कारण केंद्र की इसमें सीधी भूमिका सीमित है, लेकिन केंद्र राज्यों को सस्ती ज़मीन उपलब्ध कराने के लिए राज़ी करने का प्रयास करेगा।
उन्होंने NAREDCO के सदस्यों से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे को राज्य स्तर पर नीति निर्माताओं के समक्ष उठाएं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ज़मीन सस्ती दर पर दी जाती है, तो डेवलपर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किफायती आवास अच्छी और उपयुक्त जगहों पर बनाए जाएं। उन्होंने चेताया कि घटिया जगहों पर बनाए गए आवास प्रोजेक्ट्स से रियल एस्टेट सेक्टर की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंच सकता है।
मंत्री ने सुझाव दिया कि जिन राज्यों में आवास क्षेत्र में बेहतरीन काम हो रहा है, उन्हें मॉडल राज्य के रूप में सामने लाया जाए और उनकी सफल रणनीतियों को पूरे देश में लागू किया जाए ताकि रियल एस्टेट सेक्टर का समग्र विकास हो सके।
मेट्रो नेटवर्क के विस्तार पर बात करते हुए खट्टर ने कहा कि आने वाले 4-5 वर्षों में भारत का मेट्रो नेटवर्क 1,036 किमी से बढ़कर लगभग 1,500 किमी तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता लास्ट-माइल कनेक्टिविटी पर है, ताकि यात्रियों को बिना किसी असुविधा के यात्रा करने की सुविधा मिल सके।