Centre and Jammu and Kashmir will jointly prepare an agriculture roadmap for the region: Shivraj Singh Chouhan
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार जल्द ही इस क्षेत्र के लिए कृषि के बारे में एक व्यापक रूपरेखा (रोडमैप) तैयार करेंगे.
चौहान जम्मू के सीमावर्ती क्षेत्र आर एस पुरा में किसानों के एक सम्मेलन में विशाल ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं 17 और 18 तारीख को जम्मू-कश्मीर वापस आऊंगा। तब हम समझौता बैठक करेंगे और केंद्र शासित प्रदेश के लिए एक व्यापक कृषि रूपरेखा को अंतिम रूप देंगे.’ नए अवसरों पर उन्होंने कहा, ‘‘लैवेंडर की खेती यहां एक नया और आशाजनक अवसर है. उत्पादन में वृद्धि हुई है. केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार पैदावार बढ़ाने, लागत कम करने और खेती का रकबा बढ़ाने पर चर्चा करने के लिए एक साथ बैठेंगे”
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के न्योमा में भारत का सबसे ऊंचाई पर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र, खरीफ फसल के मौसम के लिए किसानों को ज्ञान और उपकरणों से सशक्त बनाने के लिए देश भर में शुरू हुए राष्ट्रव्यापी अभियान का हिस्सा है. केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ, चौहान ने सीमा पर रहने वाले किसानों की दृढ़ता की प्रशंसा की और उन्हें देश की दूसरी रक्षा पंक्ति बताया.
उन्होंने सीमा पार से गोलीबारी के खतरे के बीच फसलों की खेती में आने वाली भारी कठिनाइयों को स्वीकार किया और कहा कि उनके योगदान को राष्ट्र द्वारा बहुत महत्व दिया जाता है. चौहान ने कहा, ‘‘हमारे सीमा क्षेत्र की सुरक्षा हमारे वीर जवानों और यहां रहने वाले किसानों की वजह से है। मैं सीमा पर रहने वाले सभी जवानों और किसानों को सलाम करता हूं.’’
दोनों की प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने के लिए प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब भी युद्ध के बादल छाते हैं, तो जवान और किसान ही देश की सीमाओं की रक्षा के लिए डटे रहते हैं. आप यहां उस सच्चाई को देख सकते हैं। जब मुश्किलें आती हैं, तो सबसे पहले यही लोग इसका सामना करते हैं.’’ चौहान ने किसानों की देशभक्ति और साहस के लिए उन्हें सलाम किया और कहा कि यहां के किसान बेजोड़ जोश और राष्ट्रवादी भावना के साथ डटे हुए हैं.
मंत्री कृषि उत्पादकता में सुधार लाने के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय अभियान ‘संकल्प अभियान’ को बढ़ावा देने के लिए यहां आए थे. उन्होंने कहा, ‘‘यह भूमि धन्य है। इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चल रहे कृषि अनुसंधान का लाभ हमारे किसानों तक पहुंचे. यह प्रयोगशाला से जमीन तक की खाई को पाटने की दिशा में एक बड़ा कदम है.’’ कृषि क्रांति का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमने अपने कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की है. वर्ष 2014 से वर्ष 2025 तक 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है.’’