बिहार के उलेमा क्यों कर रहे हैं निकाह पढ़वाने से इनकार

Story by  सेराज अनवर | Published by  [email protected] | Date 01-08-2021
बिहारः उलेमा का ऐलान, डीजे बजाया तो नहीं पढ़ाएंगे निकाह, पांच हजार जुर्माना भी देना होगा
बिहारः उलेमा का ऐलान, डीजे बजाया तो नहीं पढ़ाएंगे निकाह, पांच हजार जुर्माना भी देना होगा

 

सेराज अनवर / पटना

मुस्लिम समाज बैंड-बाजा,नाच-गाना,डीजे ,शादियों में फिजुलखर्ची के लिए जितना बदनाम है, अब समुदाय में उतनी ही तेजी से सुधार की लहर चल रही है. बिहार के सहरसा जिला में इन बुराईयों पर अंकुश लगाने के लिए एक चैंकाने वाला फैसला सामने आया हैै.
 
उलेमा की एक तंजीम और समाज सुधार समिति ने किसी भी तरह के समारोह,कार्यक्रम में बैंड-बाजा,डीजे बजाने पर पाबंदी लगा दी है.इस निर्णय का उल्लंघन करने पर पांच हजार रुपया जुर्माना तो देना ही होगा, यदि शादी में यह सब कुछ हुआ तो निकाह भी नहीं पढ़ाया जाएगा.सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ उलेमा की पहल से समाज पर गहरा असर पड़ सकता है.
 
हालाकि इस तरह के फैसले अब से पहले भोपाल सहित देश के कई हिस्से में लिए जा चुके हैं. इस मामले में सबसे बड़ी समस्या फैसले पर अमल कराने में आती है.बहरहाला,पिछले एक साल से उलेमा और मुस्लिम समाज के रसूखदार तालमेल से कई बुराईयों पर काबू पा चुके हैं. अब इस निर्णय की न सिर्फ सहरसा, पूरे सूबे में चर्चा है.
 
तंजीम अइम्मा व उलेमा की पहल

यह तंजीम  जिले के मस्जिदों के इमाम और उलेमा की है.इसका गठन एक एक साल पूर्व सामाजिक बुराईयों के खात्मते और समाज में सुधार के साथ दीनी माहौल स्थापित करने के उद्देश्य से किया गया था. इस तंजीम ने एक महत्वपूर्ण बैठक बुला कर समाज सुधार समिति के लोगों को आमंत्रित किया.समिति के गठन को भी एक साल हो गया है.
 
इसमें बुद्धिजियों के साथ पंचायती राज के निर्वाचित नुमाईन्दे भी हैं.बैठक में तय हुआ कि बैंड-बाजा और डीजे से न सिर्फ मुआशरा बिगड़ रहा है, फिजुलखर्ची भी है.इस पर रोक लगना जरूरी है.तंजीम के सचिव कारी नुरूल्लाह नुमानी ने कहा कि आप हजरात  तय कर लें कि समाज से गाना-बजाना खत्म करना है तो एक दिन में ही इस पर पाबंदी लग जाएगी.
 
उन्होंने बताया कि उनकी तंजीम ने नाच-गाने वाली शादी में निकाह न पढ़ाने का संकल्प लिया है. आपको भी अपने दायित्व का निर्वाह करना चाहिए. दीनी और सामाजिक जवाबदही का अहसास दिलाइए.कारी साहब की बात मानते हुए बैठक में प्रस्ताव पारित कर बैंड-बाजे,डीजे बजाते पकड़े जाने पर पांच हजार का जुर्माना लगाने का ऐलान किया गया.
ulema
शनिवार से फैसला लागु

प्रस्ताव के अनुसार, इमामों ने अपनी मस्जिद कमिटी से विचार करके अपने इलाकों में गाना और डीजे पर पाबंदी लगाने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा जुमा को सभी मस्जिदों से शादी में गाना बजाने वाले पर पांच हजार रुपया जुर्माना और सारा सामान जब्त करने का ऐलान किया जाए.
 
समाज सुधार कमिटी भी इस बारे में प्रचार करेगी.बैठक में मुस्लिम लड़कियों के बहकने पर भी गंभीरता से विचार किया गया. इस पर काबू पाने के उपायों पर गौर किया गया.उलेमा तंजीम के सक्रीय सदस्य आफताब आलम नदवी ने आवाज द वायस को बताया कि उनके पास इल्म है. सुधार कमिटी के पास ताकत, दोनों के तालमेल से समाज में पनप रही बुराईयों पर नियंत्रण की हिकमत तैयार की गई है.
 
समाज सुधार का अनोखा तरीका

समाज सुधार समिति ने एक साल में कई नजीर पेश किए हैं.बिहार में यूं तो शराबबंदी है.मगर लुकछिप कर पीने वालों की खैर नहीं. हर मस्जिद के बाहर शिकायतपेटी टांगी गई है.साफ-सफाई में कोताही की शिकायतें भी लिख कर पेटी में डाली जाती है.
 
इसके आधार पर निवारण का प्रयास होता है.शिकायत पेटी में डाली गई शिकायतों से ही कई लोग शराब पीते पकड़े गए.उन्हें उठ-बैठ कराया गया.शराबियों को कोड़ा मारने तक प्रावधान है.खौफ से अब एक भी शराबी नहीं मिल रहा है.बस्ती में मुकम्मल शराबबंदी है.
 
सामाजिक सौहार्द पर जोर

संगठन मुस्लिम समाज में सुधार के साथ सामाजिक सौहार्द को भी बढ़ावा दे रहा है. गठन के साथ ही तंजीम ने सहरसा में राष्ट्रीय एकता पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया था.जिसमें सभी धर्मगुरु ने शिरकत की थी और एकता के साथ सामाजिक सौहार्द पर जोर दिया गया था.
 
गरीब बच्चियों की शादी भी उलेमा तंजीम के उद्देश्य में शामिल है.अपनी जेब से सौ-सौ रुपया जमा कर हाल में एक बच्ची की शादी को अंजाम दिया गया.तंजीम के कोषाध्यक्ष आफताब आलम नदवी कहते हैं कि साल में दस गरीब बच्चियों की शादी कराने  का इरादा है.
 
बैठक में उपाध्यक्ष मौलाना सोहराब नदवी,सचिव मौलाना मेराज एजाजी,हाफिज जाहिद,हाफिज जफर इमाम,कारी गुफरान,अवैस करनी उर्फ चुनना मुखिया,डॉ.जफर इमान,मेराज आलम,डॉ.खुर्शीद आलम,जिया उर रहमान,साबिर मुन्ना,शेर अफगन,मंसूर आलम,तारिक हुसैन मुखिया,हारून पूर्व मुखिया,मोहम्मद कौसर,अब्दुस सलाम आदि मौजूद थे.