विकसित कश्मीर के बिना भारत विकसित नहीं हो सकता: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 21-04-2024
Bharat cannot be Viksit without a Viksit Kashmir: Union Minister Hardeep Singh Puri
Bharat cannot be Viksit without a Viksit Kashmir: Union Minister Hardeep Singh Puri

 

आवाज वॉयस/ नई दिल्ली

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को श्रीनगर में आयोजित विकासशील भारत राजदूत मीट-अप कार्यक्रम में भाग लेते हुए पिछले दस वर्षों में देश की परिवर्तनकारी यात्रा पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि भारत अगले कुछ वर्षों में जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देगा और दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा.
 
विकासशील भारत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "विकसित कश्मीर के बिना भारत विकसित नहीं हो सकता." इस कार्यक्रम में लेखकों, छात्रों, कामकाजी पेशेवरों और उल्लेखनीय हस्तियों सहित विभिन्न पृष्ठभूमि से आए 300 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया.
 
भारत की आर्थिक वृद्धि का वर्णन करते हुए हरदीप पुरी ने कहा कि 1700 के दशक में भारत वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 25 प्रतिशत था, लेकिन 1947 तक यह धीरे-धीरे घटकर केवल 2 प्रतिशत रह गया, जैसा कि प्रसिद्ध विशेषज्ञों ने दस्तावेज में दर्ज किया है.
 
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री ने कहा, "एक समय सोने की चिड़िया का दर्जा प्राप्त देश ने ब्रिटिश शासन के दौरान अपनी ताकत खो दी और आजादी के दशकों बाद भी 2014 तक यह कमजोर पांच की श्रेणी में रहा." उन्होंने कहा कि ‘असली’ बदलाव मोदी सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ और पिछले दस वर्षों में देश शीर्ष 11 अर्थव्यवस्थाओं से निकलकर दुनिया की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है.
 
उन्होंने कहा, "देश जर्मनी और जापान को पीछे छोड़कर 2027-28 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा."
 
आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, भारत को 2040 तक 40 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाना चाहिए, जो वर्तमान में 3.5 ट्रिलियन डॉलर के आसपास है.
 
केंद्रीय मंत्री ने विकसित भारत 2047 मिशन में सभी की भागीदारी का भी आग्रह किया और कहा कि बदलाव के ‘दूतों’ के सक्रिय समर्थन और समन्वय के बिना यह सपना संभव नहीं होगा.
 
उन्होंने कहा कि भारत मेट्रो नेटवर्क के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ने की कगार पर है.
 
केंद्रीय मंत्री ने विकसित भारत के दूतों से कहा, "वर्तमान में भारत का परिचालन मेट्रो नेटवर्क लगभग 950 किलोमीटर है.
 
अगले 2-3 वर्षों में यह अमेरिका को पीछे छोड़कर दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन जाएगा."  जम्मू-कश्मीर का विशेष उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि स्मार्ट परियोजना के तहत 6,800 करोड़ रुपये की 68 से अधिक परियोजनाओं की परिकल्पना की गई थी, जिनमें से 3,200 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं.
 
उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्विट्जरलैंड से भी अधिक संभावनाएं हैं, लेकिन मानव निर्मित संकटों के कारण इसे 'छोड़ दिया गया' और इस बात पर भी जोर दिया कि मोदी सरकार इसके सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार की प्रमुख नीतियों में से एक पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि हम महिला-केंद्रित विकास से महिला-नेतृत्व वाले विकास की ओर बढ़ रहे हैं.
 
उन्होंने एक निजी अनुभव साझा करते हुए कहा, "राजनयिक के रूप में अपने 39 वर्षों के कार्यकाल में मैंने देखा है कि जब भी देश महिला-केंद्रित से महिला-नेतृत्व वाले विकास की ओर बढ़ा है, तो उसके सकल घरेलू उत्पाद में कम से कम 20-30 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है."