भारत की महिला पंचायत नेताओं की प्रेरक आवाजें संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में गूंजीं

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 05-05-2024
Inspirational voices of India's women panchayat leaders echoed at the United Nations conference
Inspirational voices of India's women panchayat leaders echoed at the United Nations conference

 

न्यूयॉर्क.

भारत की पंचायती राज संस्थाओं की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की प्रेरणादायक कहानियां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सभागार में गूंजती रहीं, जब तीन प्रतिष्ठित जमीनी स्तर के नेता शुक्रवार को 'एसडीजी का स्थानीयकरण : भारत में स्थानीय शासन में महिलाएं कर रही हैं नेतृत्व' शीर्षक वाले साइड इवेंट में मुख्य मंच पर आए.

त्रिपुरा से सुप्रिया दास दत्ता, आंध्र प्रदेश से कुनुकु हेमा कुमारी और राजस्थान से नीरू यादव ने स्थानीय शासन और कई विषयगत क्षेत्रों में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के स्थानीयकरण को आगे बढ़ाने में अपने अनुभव और नवाचार साझा किए.

इनमें बाल विवाह से निपटने से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका के अवसर और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना शामिल था. तीनों ने जमीनी स्तर के नेतृत्व की परिवर्तनकारी शक्ति का उदाहरण दिया, क्योंकि उन्होंने नेतृत्व की अपनी यात्रा में चुनौतियों और संघर्षों का सामना किया और उन पर काबू पाया.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन और पंचायती राज मंत्रालय ने संयुक्त रूप से संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के सहयोग से न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय सचिवालय भवन में साइड इवेंट का आयोजन किया.

राजदूत रुचिरा कंबोज ने विकेंद्रीकृत शक्ति और प्रत्यक्ष लोकतंत्र के प्रतीक के रूप में भारत की अनूठी पंचायती राज प्रणाली पर प्रकाश डालते हुए इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की, जो सक्रिय लोगों की भागीदारी की सुविधा प्रदान करती है.'

उन्होंने कहा, पंचायती राज प्रणाली के 14 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के साथ भारत की यात्रा सशक्‍तीकरण, समावेशन और प्रगति की कहानी है, विशेष रूप से महिला नेतृत्व में हुई प्रगति को उजागर करती है.

राजदूत कंबोज ने महिलाओं के मुद्दों को संबोधित करने पर विशेष ध्यान देने के साथ एसडीजी के साथ स्थानीय नियोजन प्रक्रियाओं के सावधानीपूर्वक संरेखण पर भी जोर दिया. पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा कि जमीनी स्तर पर महिलाओं को सशक्त बनाना भारत की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

उन्होंने केंद्र सरकार की 'ड्रोन दीदी' और 'लखपति दीदी' पहल जैसे उदाहरणों का हवाला देते हुए आर्थिक सशक्‍तीकरण सुनिश्चित करने के लिए विकास और नीतिगत हस्तक्षेप के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में पंचायती राज संस्थानों द्वारा अपनाए गए अभिनव दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला.

इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र में नॉर्वे के उपस्थायी प्रतिनिधि एंड्रियास लोवोल्ड और यूएनएफपीए के एशिया प्रशांत क्षेत्रीय निदेशक पियो स्मिथ सहित यूएनएफपीए के प्रतिनिधि मुख्य वक्ता थे.