बरेली (उत्तर प्रदेश)
बरेली के क़िला थाने के पास "I Love Muhammad" लिखे पोस्टर हटाने के दौरान इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के नेता नफीस का एक विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
वीडियो में नफीस को क़िला थाना के SHO सुभाष कुमार को धमकाते हुए देखा गया। जब SHO पोस्टर हटाने के लिए मौके पर पहुंचे, तब स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच पोस्टर हटाने को लेकर विवाद भी हुआ।
वीडियो में नफीस यह कहते सुनाई दे रहे हैं, “मैंने इंस्पेक्टर से कहा था कि मैं उसका हाथ काट दूँगा… उसे अपनी वर्दी से भी हाथ धोना पड़ेगा।”
शहर के SP मनुश पारीक ने कहा कि वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने नफीस के खिलाफ मामला दर्ज किया है और इसकी जांच चल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी को भी कानून व्यवस्था भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इस विवाद की शुरुआत 9 सितंबर को कानपुर में हुई थी, जब पुलिस ने बरावफात जुलूस के दौरान 4 सितंबर को सार्वजनिक मार्ग पर “I Love Mohammad” लिखे बोर्ड लगाने वाले नौ नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इस कदम पर हिन्दू संगठनों ने आपत्ति जताते हुए इसे "नई प्रवृत्ति" और जानबूझकर उकसावा बताया था।
इस विवाद को और व्यापक ध्यान तब मिला जब AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि “I Love Muhammad” कहना कोई अपराध नहीं है।
एक अलग घटना में, धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से उकसावे की कोशिश भी की गई। प्रेम नगर निवासी सलिम रज़ा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि एक श्यामपाल नामक व्यक्ति ने उनके बेटे रिहान घोषी के इंस्टाग्राम अकाउंट पर आपत्तिजनक और उकसावे वाला पोस्ट भेजा। आरोपियों ने 21 सितंबर को अपमानजनक कॉल भी की और समुदाय में नफ़रत फैलाने की कोशिश की।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और सोशल मीडिया पर धार्मिक उकसावे फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।