आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के अधिकारियों ने बुधवार को भगवान कृष्ण के लिए मुस्लिम बुनकरों द्वारा बनाए गए कपड़ों पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया कि "देवता की पोशाकों की स्थापना प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है."
मंगलवार को, श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष दिनेश फलाहारी - जो मथुरा में चल रहे शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में भी शामिल हैं - ने मंदिर प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया, "यदि कोई विधर्मी जो हमारे धर्म का पालन नहीं करता है, ठाकुरजी (भगवान कृष्ण) को अपने हाथों से बनी कोई भी चीज़ चढ़ाता है, तो उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है, और जो ऐसा करते हैं, वे घोर पाप करते हैं."
मंदिर प्रशासन के एक सदस्य ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, "हमें मुस्लिम बुनकरों द्वारा बनाई गई पोशाकों का उपयोग बंद करने का प्रस्ताव मिला है.
हमारी प्राथमिक चिंता ठाकुरजी को चढ़ाई जाने वाली पोशाकों की शुद्धता और पवित्रता सुनिश्चित करना है. अगर मुस्लिम समुदाय के लोगों की ठाकुरजी में आस्था है, तो हमें उनसे 'पोशाक' स्वीकार करने में कोई आपत्ति नहीं है.''
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए स्वतंत्र है. गोस्वामी ने कहा कि 164 साल पुराने इस मंदिर में प्रतिदिन विभिन्न पृष्ठभूमियों से 30,000 से 40,000 भक्त आते हैं, सप्ताहांत और त्योहारों पर यह संख्या एक लाख को पार कर जाती है. इस बीच, सिटी मजिस्ट्रेट राकेश कुमार ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ''मुझे दिनेश फलाहारी द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन के बारे में पता है, लेकिन मैं मामले को देखूंगा.''