आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
विप्रो की मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी संध्या अरुण ने कहा कि 2026 तक वैश्विक प्रौद्योगिकी में बड़ा बदलाव आएगा। अरुण के अनुसार कंपनियां अब अलग-अलग कृत्रिम मेधा (एआई) प्रयोगों से आगे बढ़कर स्वायत्त एआई के युग में प्रवेश करेंगी, जिसमें स्वतंत्र एआई एजेंट जटिल व्यावसायिक प्रक्रियाओं का संचालन करेंगे।
अरुण ने बताया कि 2025 में सृजनात्मक एआई का आधार तैयार हुआ, लेकिन 2026 में इसका मुख्य ध्यान बड़े पैमाने पर व्यवसायिक कार्यों में एआई के उपयोग पर होगा।
उन्होंने कहा, ''कंपनियां अब छोटे प्रयोगों से निकलकर पूरे संगठन में एआई के प्रयोग पर ध्यान दे रही हैं। एआई 2026 तक एजेंट आईटी, मानव संसाधन, वित्त, विपणन और आपूर्ति श्रृंखला जैसे कार्यों को संभालेंगे।''
अरुण ने यह भी कहा कि एआई के अधिक स्वायत्त होने से मानव कर्मचारियों की भूमिका बदल जाएगी। अब उनका काम केवल कार्य निष्पादन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वे एआई के संचालन और समन्वय की भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि उद्योग-विशेष एआई मॉडल सामान्य प्रयोजन मॉडल से अधिक सटीक और कम खर्चीले होंगे। इसके अलावा, प्रोग्राम योग्य मुद्रा और क्वांटम प्रौद्योगिकी भी भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
अरुण ने चेतावनी दी कि एआई-प्रधान दुनिया में कंपनियों की सफलता कार्यबल की तत्परता पर निर्भर करेगी। लगातार प्रशिक्षण, मानव-मशीन सहयोग और नई क्षमताओं का प्रयोग करने वाले कर्मचारी सबसे अधिक सफल होंगे।