नई दिल्ली/हैदराबाद
एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को उस संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का सदस्य नियुक्त किया गया है, जिसे उन विवादास्पद विधेयकों की जांच का काम सौंपा गया है जिनमें यह प्रावधान है कि यदि कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री किसी ऐसे अपराध में 30 दिनों तक लगातार हिरासत में रहता है, जिसकी सज़ा पांच वर्ष या उससे अधिक है, तो उसे उसके पद से हटा दिया जाएगा।
लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, बुधवार 12 नवंबर को जारी सूचना में बताया गया कि ओवैसी को 31 सदस्यीय समिति में शामिल किया गया है। यह समिति तीन विधेयकों की जांच करेगी —
संविधान (130वां संशोधन) विधेयक,
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, और
केंद्र शासित प्रदेशों के शासन (संशोधन) विधेयक।
समिति की अध्यक्ष लोकसभा सदस्य अपराजिता सारंगी होंगी।
ये विधेयक अगस्त माह में मानसून सत्र के दौरान गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में पेश किए गए थे, जिनका विपक्ष ने कड़ा विरोध किया था।
Barrister @asadowaisi has been appointed as a member of the Joint Parliamentary Committee on the three Bills that propose to remove any minister, chief minister, or prime minister from their office if they are arrested for 30 consecutive days for an offense punishable with five… pic.twitter.com/ncAp9fXajq
— AIMIM (@aimim_national) November 12, 2025
असदुद्दीन ओवैसी ने इन तीनों विधेयकों का जोरदार विरोध करते हुए इन्हें “तानाशाही और असंवैधानिक” बताया। उन्होंने कहा,“यह सरकार देश को पुलिस राज्य में बदलने पर तुली हुई है। यह जनता के अपने प्रतिनिधियों को चुनने के अधिकार का हनन है और लोकतंत्र के लिए मृत्यु-घंटिका है। संविधान में संशोधन कर देश को पुलिस राज्य बनाने की कोशिश की जा रही है।”
संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा।