आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
कृषकों को उनके उत्पादों के लिए मंच प्रदान करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) का ‘सेब महोत्सव 2.0’ बृहस्पतिवार को शुरू हुआ।
नाबार्ड के देहरादून स्थित उत्तराखंड क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित इस दो दिवसीय सेब महोत्सव का उद्घाटन प्रदेश के कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी एवं नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक पंकज यादव ने किया।
इस महोत्सव में नाबार्ड संपोषित हर्षिल घाटी के कृषक उत्पादक संगठन द्वारा उत्पादित ‘ए’ ग्रेड के ‘रॉयल डिलीशियस’, ‘रेड डिलीशियस’ और ‘गोल्डन डिलीशियस सेब’, कपकोट के किसानों द्वारा प्राकृतिक विधि से उत्पादित कीवी, अन्य कृषक उत्पादक संगठनों एवं स्वयं सहायता समूहों द्वारा उगाए गए पहाड़ी उत्पाद जैसे अखरोट, राजमा बिक्री के लिए उपलब्ध कराए गए हैं।
कार्यक्रम के दौरान जोशी ने नाबार्ड के इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के महोत्सव में आमजन को सीधे किसानों से जुडने का अवसर मिलता है, साथ ही बिक्री के कारण किसानों की आय में सीधे बढ़ोतरी होती है।
यादव ने इस अवसर पर नाबार्ड द्वारा संपोषित कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्र की परियोजनाओं, आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार को दिए जाने वाले वित्तीय सहयोग और नाबार्ड की ओर से संचालित विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया।
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह के कार्यक्रम किसानों और महिलाओं को सीधे ग्राहक से जोड़ने तथा उनके उत्पाद के सही मूल्य मिलने में सहायक होंगे।
कृषक उत्पादक संगठनों एवं स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता और ऋण उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से महोत्सव के दौरान नाबार्ड तथा उत्तराखंड ग्रामीण बैंक के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किए गए।
कृषकों के उत्पाद को खेतों से सेब महोत्सव में विपणन तक लाने के लिए व्यवस्था नाबार्ड द्वारा प्रदान मोबाइल मार्ट के माध्यम से की ग। महोत्सव के दौरान सभी क्रय-विक्रय का भुगतान भी डिजिटल माध्यम से ही किया जा रहा है।