नए श्रम संहिताओं के देशव्यापी लागू होने पर अमित शाह ने श्रमिकों को दी बधाई

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 22-11-2025
Amit Shah congratulates workers on nationwide implementation of new labour codes
Amit Shah congratulates workers on nationwide implementation of new labour codes

 

नई दिल्ली

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को पूरे देश के श्रमिकों को नए श्रम संहिताओं (Labour Codes) के देशभर में लागू होने पर बधाई दी। उन्होंने इसे भारत के श्रम क्षेत्र के इतिहास में एक “ऐतिहासिक सुधार” बताया, जो देश के श्रमिकों के अधिकारों और कल्याण को मजबूत करेगा। यह जानकारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार दी गई है।

एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए अमित शाह ने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पारित ये श्रम संहिताएँ देश के श्रम कानूनों के इतिहास में सबसे बड़ा सुधार हैं।

गृह मंत्रालय के अनुसार, शाह ने कहा कि ये संहिताएँ न्यूनतम वेतन की गारंटी, सामाजिक सुरक्षा, महिला श्रमिकों के लिए समान अवसर, तथा गिग और असंगठित श्रमिकों को कानूनी पहचान प्रदान करती हैं। इनसे न केवल श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार होगा बल्कि एक विकसित, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में हुए ये सुधार वैश्विक स्तर पर श्रम कानूनों का आदर्श मॉडल बनेंगे।

भारत सरकार ने 21 नवंबर से चार प्रमुख श्रम संहिताओं—

  • वेज़ कोड, 2019

  • इंडस्ट्रीयल रिलेशंस कोड, 2020

  • सोशल सिक्योरिटी कोड, 2020

  • ऑक्युपेशनल सेफ़्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन्स कोड, 2020
    को लागू करने की घोषणा की है, जिसके तहत 29 मौजूदा केंद्रीय श्रम कानूनों को सरल और सुव्यवस्थित किया गया है।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत के अधिकांश श्रम कानून प्री-इंडिपेंडेंस और स्वतंत्रता के शुरुआती दशकों (1930–1950) में बनाए गए थे, जब अर्थव्यवस्था और रोजगार का स्वरूप आज से बिल्कुल अलग था। जहां अधिकांश प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने हाल के वर्षों में अपने श्रम कानूनों को आधुनिक बनाया, वहीं भारत में ये कानून लंबे समय से जटिल और बिखरी हुई संरचना में बने हुए थे।

पुराने और कठोर प्रावधान न सिर्फ नई आर्थिक वास्तविकताओं के अनुरूप नहीं थे, बल्कि इससे श्रमिकों और उद्योगों दोनों के लिए अनुपालन का बोझ भी बढ़ता था। चार श्रम संहिताओं के लागू होने से इस लंबे समय से लंबित सुधार की आवश्यकता पूरी हो गई है, जो देश के श्रम ढांचे को उपनिवेश कालीन संरचना से आधुनिक वैश्विक मॉडल की ओर ले जाता है।

ये संहिताएँ मिलकर श्रमिकों और उद्योगों—दोनों को सशक्त बनाती हैं, और एक ऐसी कार्यशक्ति का निर्माण करती हैं जो सुरक्षित, उत्पादक और बदलते वैश्विक रोजगार ढांचे के अनुरूप है। यह कदम भारत को अधिक प्रतिस्पर्धी, सक्षम और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण आधार तैयार करता है।