आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
आल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ बोर्ड एक्ट के प्रस्तावित संशोधन विधेयक का पुरजोर समर्थन किया है. नसीरुद्दीन चिश्ती मंगलवार सुबह नई दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे.ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल ने यह संवाददाता सम्मेलन केंद्र सरकार द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा करने के लिए बुलाई थी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए काउंसिल के अध्यक्ष और अजमेर दरगाह के वर्तमान आध्यात्मिक प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि वह मांगों की लिखित प्रति अजित डोभाल को भेज चुके हंै. उनसे हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है.”
उन्होंने कहा, “हम लंबे समय से इस संशोधन की मांग कर रहे हैं. आखिरकार सरकार ने इस पर सुनवाई की है.उन्होंने कहा, “दरगाहों का सबसे ज्यादा महत्व है. हमारी मांगें पूरी होनी चाहिए. हमें सरकार पर पूरा भरोसा है कि मुसलमानों के पक्ष में बिल पेश करें.
ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल ने सभी लोगों से विनम्रतापूर्वक अनुरोध किया कि वे झूठी बातें न फैलाएं. सरकार द्वारा बिल पेश किए जाने का इंतजार करें. हम पहले बिल का गहन अध्ययन करेंगे. फिर विचार और मांगें रखेंगे.”
उन्होंने कहा “जो लोग बिल के खिलाफ हैं, हम उनसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि कृपया बिल का इंतजार करें. सभी को बिल को समझने में भाग लेना चाहिए, न कि किसी पर गलत आरोप लगाना चाहिए.
उन्होंने कहा, “सरकार मुसलमानों की बेहतरी के लिए काम कर रही है. वक्फ बोर्ड में बहुत भ्रष्टाचार है, इसलिए इसमें संशोधन की आवश्यकता है.”इस मौके पर ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीं काउंसिल ने लोगों से अपील की कि यह मुसलमानों से जुड़ा मुद्दा है. इसमें राजनीति न लाएं.”
नसीरूद्दीन चिश्ती ने कहा कि जो लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं, वे झूठा प्रचार कर समाज को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं. वे देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी के विपरीत काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अच्छा तो तब होगा जब वे विरोध करने के बजाए अच्छे सुझाव देकर सरकार का सहयोग करें ताकि बिल के जरिए एक अच्छा कानून बनाए जा सके.उन्होंने कहा कि मसौदे की गहन जांच के बाद हम दरगाह के हितों से संबंधित अपनी सिफारिशें और प्रस्ताव रखेंगे.
उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून दरगाह की स्थिति,इसके रीति-रिवाजों और परंपराओं के संबंध में भी प्रावधान प्रदान करने में विफल है, जब कि भारत में वक्फ के मुख्य हितधारकों के रूप में दरगाहों के साथ मौजूदा वक्फ अधिनियम द्वारा भेज भाव किया गया है.
नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि आज वक्फ अधिनियम में संशोधन की जरूरत है. जिन लोगों के अदालतों में मामले चल रहे हैं.वे पूरी उम्र गुजर जाने तक अपनी संपत्तियों को वापस नहीं हासिल कर पाते हैं.
इसलिए वक्फ अधिनियम की जटिल अदालती प्रक्रिया को भी आसान बनाने की आवश्यकता है.उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल लंबे समय से प्रतीक्षित सुधार, प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने के सरकार के कदम का स्वागत करती है.
उन्होंने कहा कि संशोधन का विरोध करना गलत है. संवाददाता सम्मेलन में सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती के अलावा एआईएसएससी के सचिव एवं नायब सज्जादानशीन गुलाम नजमी फारूकी, एआईएसएससी हैदराबाद और नेशनल कोऑर्डिनेटर अब्दुल कादिर कादरी, एआईएसएससी कर्नाटक अध्यक्ष सैयद अली जाकिर, एआईएसएससी के दिल्ली अध्यक्ष फरीद अहमद निजामी, फतेहपुर सीकरी के सज्जादानशीं अरशद फरीदी भी मौजूद रहे.