जम्मू-कश्मीर का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल उन जेलों का दौरा करे, जहां कश्मीरी कैदी बंद हैं : महबूबा

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 25-08-2025
All-party delegation of Jammu and Kashmir should visit the jails where Kashmiri prisoners are lodged: Mehbooba
All-party delegation of Jammu and Kashmir should visit the jails where Kashmiri prisoners are lodged: Mehbooba

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से सोमवार को आग्रह किया कि वह एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को देशभर की विभिन्न जेलों में ले जाएं, जहां केंद्र शासित प्रदेश के कैदी बंद हैं, ताकि उनकी दुर्दशा का पता लगाया जा सके.
 
मुफ्ती ने मांग की कि अब्दुल्ला को इन कैदियों का मुद्दा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष भी उठाना चाहिए.
 
पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां सरकार के खिलाफ अपनी पार्टी की ओर से आयोजित प्रदर्शन के मौके पर कहा, ‘‘उमर को एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल देश के उन विभिन्न जेलों में ले जाना चाहिए, जहां जम्मू-कश्मीर के कैदी बंद हैं और उनकी दुर्दशा का पता लगाना चाहिए। हम भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनना चाहेंगे.
 
उन्होंने कहा कि यदि उमर अब्दुल्ला को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ले जाने में कोई समस्या है, तो उन्हें अपने मंत्रियों की एक टीम को वहां ले जाना चाहिए.
 
महबूबा ने कहा, ‘‘मैं उमर को बताना चाहती हूं कि हम विपक्ष में हैं और कुछ नहीं कर सकते, लेकिन आप कर सकते हैं। मैं सच कह रही हूं कि इसमें कोई राजनीति नहीं है, बल्कि यह जेलों में बंद लोगों के बारे में है.
 
उन्होंने अब्दुल्ला से शाह से मिलने और उनके समक्ष यह मुद्दा उठाने का भी आग्रह किया.
 
महबूबा ने कहा, ‘‘उनसे (शाह से) कहिए कि वह जम्मू-कश्मीर के बाहर की जेलों में बंद कैदियों को जम्मू-कश्मीर की जेलों में ले आएं.
 
उन्होंने कहा, ‘‘शब्बीर शाह और आमिर जमात-ए-इस्लामी गंभीर रूप से बीमार हैं. वे वरिष्ठ नागरिक हैं, लेकिन उनके परिवारों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बाकी लोगों का क्या? उनमें से कुछ को अभी तक सज़ा नहीं हुई है.’’
 
इससे पहले, पुलिस ने यहां शेर-ए-कश्मीर पार्क के निकट पीडीपी मुख्यालय से पार्टी के मार्च को विफल कर दिया.
 
पुलिस की एक टुकड़ी ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया और उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया.
 
महबूबा ने कहा कि पार्टी शांतिपूर्ण तरीके से मुद्दा उठाना चाहती थी, लेकिन उन्हें रोक दिया गया.