Ahmedabad, Mumbai, and Bengaluru have joined the global effort to protect their residents from extreme heat.
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारत के तीन शहर- अहमदाबाद, मुंबई और बेंगलुरु, उन 33 महानगरों के वैश्विक गठबंधन में शामिल हुए हैं, जो शहरी क्षेत्र को नया स्वरूप देने और निवासियों को भीषण गर्मी से बचाने का संकल्प ले रहे हैं। भीषण गर्मी जलवायु परिवर्तन के सबसे गंभीर परिणामों में से एक है। एक बयान में यह जानकारी दी गई।
तीनों शहर ‘कूल सिटीज एक्सेलरेटर’ के तहत वैश्विक गठबंधन में शामिल हुए हैं, जो रॉकफेलर फाउंडेशन द्वारा समर्थित ‘सी40 सिटीज’ की एक नई पहल है।
रियो डी जेनेरियो में आयोजित ‘सी40’ विश्व महापौर शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में द रॉकफेलर फाउंडेशन द्वारा समर्थित ‘कूल सिटीज एक्सेलरेटर’ पहल की घोषणा की गई। इसका उद्देश्य शहर के नेताओं को बढ़ते तापमान के खिलाफ लोगों, अर्थव्यवस्थाओं और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए तत्काल और दीर्घकालिक उपाय करने में मदद करना है।
दुनिया भर में 14.5 करोड़ से ज़्यादा लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले 33 प्रमुख शहरों में लंदन, पेरिस, सिंगापुर, नैरोबी और ब्यूनस आयर्स जैसे वैश्विक महानगर शामिल हैं। इस दौरान 2030 तक शहरों को भीषण गर्मी के प्रति ज्यादा प्रतिरोधी बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई गई।
एक बयान के मुताबिक, दुनिया में मौसम संबंधी सबसे घातक खतरों में भीषण गर्मी प्रमुख खतरा है और इससे हर साल पांच लाख लोगों की मौत हो रही है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर तुरंत कदम नहीं उठाए गए, तो 2050 तक खतरनाक शहरी गर्मी की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या पांच गुना तक बढ़ सकती है।
एक बयान में कहा गया, ‘‘अत्यधिक गर्मी के कारण होने वाली अधिकांश मौतें समय पर ठंडक, जलयोजन (हाइड्रेशन), चिकित्सीय देखभाल और जन स्वास्थ्य उपायों के माध्यम से रोकी जा सकती हैं।’’ इसमें बुजुर्गों, बाहर काम करने वाले श्रमिकों और बिना वातानुकूलन के रहने वाले लोगों, जैसे कमजोर समूहों की सुरक्षा की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।
‘कूल सिटीज एक्सेलरेटर’ के अंतर्गत, ये शहर गर्मी से बचाव संबंधी तंत्र को मजबूत करने के लिए विज्ञान-आधारित ढांचा अपनाएंगे।