राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब तक साढ़े पांच करोड़ श्रद्धालुओं ने किए रामलला के दर्शन

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-06-2025
After the Pran Pratishtha of Ram Mandir, till now five and a half crore devotees have visited Ramlala
After the Pran Pratishtha of Ram Mandir, till now five and a half crore devotees have visited Ramlala

 

अयोध्या

अयोध्या में भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी को संपन्न हुई प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अब तक लगभग साढ़े पांच करोड़ श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी।

राज्य सरकार के अनुसार, रामनगरी में केवल आम भक्त ही नहीं, बल्कि अब तक करीब साढ़े चार लाख विशिष्ट अतिथि भी दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति शामिल हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि हर आगंतुक—चाहे आम हो या विशिष्ट—को सहज और सुरक्षित दर्शन की व्यवस्था मिले।

सरकारी बयान के अनुसार, राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या अब एक वैश्विक धार्मिक केंद्र के रूप में उभर चुकी है। तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सार्वजनिक परिवहन को सशक्त करने पर विशेष ज़ोर दिया गया है ताकि शहर तक पहुंचना और सुगम हो सके।

प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर, कंगना रनौत, अन्ना हज़ारे जैसी कई नामी हस्तियां अयोध्या पहुंचीं थीं। हाल ही में टेक दिग्गज एलन मस्क के पिता एरल मस्क और उनकी बहन ने भी रामलला के दर्शन किए। एरल मस्क भारतीय परिधान में मंदिर पहुंचे और उन्होंने अयोध्या यात्रा को “अद्भुत और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध अनुभव” बताया।

अयोध्या मंडलायुक्त गौरव दयाल ने बताया, “अब तक साढ़े पांच करोड़ से अधिक श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर चुके हैं। सुरक्षा और दर्शन व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। वीआईपी दर्शन भी नियमित रूप से नियंत्रित और सुचारु हैं। अब जब मंदिर के प्रथम तल पर राजा राम भी विराजमान हो चुके हैं, तो दर्शनार्थियों की संख्या और बढ़ने की पूरी संभावना है।”

अयोध्या, राम मंदिर और श्रद्धालुओं की यह निरंतर उपस्थिति इसे भारत का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक हृदयस्थल बना रही है।