ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजनाथ सिंह की पाक को चुनौती, अशांति छोड़ बरता संयम

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 29-05-2025
After Operation Sindoor, Rajnath Singh's challenge to Pakistan, Pakistan should show restraint and leave unrest behind
After Operation Sindoor, Rajnath Singh's challenge to Pakistan, Pakistan should show restraint and leave unrest behind

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत पाकिस्तान के आतंकी हमलों का जवाब देते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए और भी अधिक नुकसान पहुंचा सकता था, लेकिन उसने संयम बरता.
 
राष्ट्रीय राजधानी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में रहने वाले लोग भारत के अपने हैं और एक दिन वे निश्चित रूप से भारतीय मुख्यधारा में लौट आएंगे. सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सिंह ने मेक इन इंडिया अभियान की सफलता पर प्रकाश डाला, जो 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत की सुरक्षा और समृद्धि दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ.
 
रक्षा मंत्री ने कहा, "मेक इन इंडिया भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अनिवार्य घटक है. यदि हमारे पास यह क्षमता नहीं होती, तो भारत की सेनाएं निचले पाकिस्तान से लेकर पीओके तक आतंकवाद के खिलाफ इतनी प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पातीं." "आपने देखा कि कैसे हमने पहले आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और फिर दुश्मन के एयरबेसों को। हम और भी कुछ कर सकते थे, लेकिन शक्ति के साथ संयम भी होना चाहिए. हमने दुनिया के सामने शक्ति और समन्वय का एक उल्लेखनीय उदाहरण प्रस्तुत किया है. हम और भी कुछ कर सकते थे, लेकिन हमने संयम बरता. 
 
आज पाकिस्तान को आतंकवाद का कारोबार चलाने की भारी कीमत का एहसास हो गया है. हमने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को फिर से तैयार और परिभाषित किया है. हमने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों और बातचीत के दायरे को फिर से निर्धारित किया है. अब से जब भी बातचीत होगी, वह केवल आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के बारे में होगी.
 
पाकिस्तान के साथ किसी अन्य मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं होगी," सिंह ने कहा. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पीओके के लोग आत्मसम्मान और अपनी इच्छा से भारत में शामिल होंगे. सिंह ने कहा, "पीओके के लोग हमारे अपने हैं. वे हमारे परिवार का हिस्सा हैं. हम प्रधानमंत्री के 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के दृष्टिकोण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. हमारा दृढ़ विश्वास है कि हमारे भाई, जो आज भौगोलिक और राजनीतिक रूप से हमसे अलग हो गए हैं, एक दिन निश्चित रूप से आत्म-सम्मान और अपनी स्वतंत्र इच्छा के साथ भारतीय मुख्यधारा में लौट आएंगे." "मैं जानता हूं कि वहां के अधिकांश लोग भारत से जुड़ाव महसूस करते हैं. 
 
केवल मुट्ठी भर लोग ही गुमराह हुए हैं. भारत ने हमेशा दिलों को जोड़ने में विश्वास किया है और हमारा मानना ​​है कि प्रेम, एकता और सच्चाई के मार्ग पर चलकर वह दिन दूर नहीं जब हमारा अपना पीओके वापस आएगा और घोषणा करेगा: मैं भारतीय हूं और मैं वापस आया हूं," राजनाथ सिंह ने कहा। ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के लिए भारत की निर्णायक सैन्य प्रतिक्रिया थी. 7 मई को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े 100 से ज़्यादा आतंकवादी मारे गए.