अफगान एयर स्पेस बहुत जोखिम भराः कैप्टन देवी शरण

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 27-08-2021
अफगान एयर स्पेस जोखिम भरा
अफगान एयर स्पेस जोखिम भरा

 

नई दिल्ली. एयर इंडिया के एक सेवानिवृत्त पायलट कैप्टन देवी शरण के विमान आईसी-814को दिसंबर 1999में कंधार में अपहृत कर लिया गया था. उन्होंने कहा कि तालिबानने काबुल में सत्ता पर कब्जा कर लिया है, उस पर भरोसा किया नहीं किया जा सकता, क्योंकि उनके जमीनी लड़ाके नियमों का पालन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि अफगान हवाई क्षेत्र पर विमानों की आवाजाही बहुत जोखिम भरा है.

शरण ने कहा, “यहां काफी ग्रे एरिया है. हमें हमेशा उस कॉरिडोर रूट पर नजर रखनी होती है, जिसका हम अनुसरण कर रहे हैं, क्योंकि तालिबान सरकार कुछ कहती है और कहीं नीचे उनकी सेना कुछ और कर रही होती है. ऐसे में अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करना बहुत जोखिम भरा है. वे कभी भी विमान को नीचे गिरा सकते है.”

काबुल गुरुवार को आतंकी हमलों से दहल उठा था. पहला धमाका काबुल हवाई अड्डे पर हुआ था, जबकि दूसरा बैरन होटल के पास हुआ था, जिसमें 13अमेरिकी सैनिक मारे गए थे और अतिरिक्त 15सेवा सदस्य और साथ ही कई अफगान नागरिक घायल हो गए थे.

अफगान स्वास्थ्य अधिकारियों ने राजधानी काबुल में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर टोल के अलग-अलग अनुमान दिए-कम से कम 30मृतकों से लेकर 60से अधिक, और 120घायलों से 140तक. जबकि तालिबान के प्रवक्ता ने कम से कम 13नागरिकों के मारे जाने और 60घायलों का हवाला दिया.

कैप्टन शरण ने काबुल और कंधार में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को नियंत्रित करने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) के रक्षा बलों में विश्वास दिखाते हुए कहा कि अमेरिकी सेना की आवाजें हमेशा अफगान हवाई क्षेत्र को पार करते समय पायलटों को आत्मविश्वास देती हैं.

कैप्टन देवी ने कहा, “मैंने यूरोप और यूएसए के लिए उड़ान भरते समय कई बार अफगानिस्तान में ऑपरेशन किया है. जब भी हम हवाई यातायात नियंत्रकों की आवाज सुनते थे, जो मुख्य रूप से अमेरिकी लोग थे, यह हमें सुरक्षा की भावना देता था. तकनीकी आपात स्थिति के मामले में हमें काबुल या कंधार में उतरना होता, तो हम काफी सहज थे. हम इससे काफी संतुष्ट थे क्योंकि हम सुनते थे एटीसी पर अमेरिकी यातायात नियंत्रकों को.”

तालिबान द्वारा युद्धग्रस्त देश पर पूर्ण नियंत्रण करने के बाद अफगानिस्तान ने 16अगस्त से सभी वाणिज्यिक उड़ान संचालन के लिए अपने हवाई क्षेत्र पर रोक लगा दी है.

पायलट ने कहा कि भारत को अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र में किसी भी उड़ान संचालन से बचना चाहिए, जब तक कि सरकार उनकी सुरक्षा का आश्वासन देती.

अपहृत उड़ान आईसी -814के पायलट ने कहा, “अगर हमारी सरकार और उनकी सरकार सुनिश्चित करती है कि कोई अप्रिय घटना नहीं होगी और सब कुछ सुरक्षित है, तभी हमें हवाई संचालन फिर से शुरू करना चाहिए, अन्यथा हमें जोखिम नहीं उठाना चाहिए.”

भारत अफगानिस्तान से सभी भारतीयों को निकालने के लिए प्रतिबद्ध है. एयर इंडिया और भारतीय वायु सेना काबुल हवाई अड्डे से निकासी उड़ानें संचालित कर रही हैं. अब तक अन्य नागरिकों सहित 700 से अधिक भारतीयों को निकाला गया है.