A huge crowd of devotees gathered at Maa Mansa Devi Temple in Haridwar on the first day of Sharadiya Navratri.
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
शारदीय नवरात्र के पहले दिन उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित मां मनसा देवी मंदिर में सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और पूजा-अर्चना की। पूरे देश में नवरात्र की शुरुआत के साथ ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है.
शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और पावन पर्व है, जो नौ रातों तक चलता है और देवी दुर्गा के विविध रूपों की उपासना का प्रतीक है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की ‘शक्ति’ के नौ रूपों की पूजा की जाती है.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित काली माता मंदिर और अयोध्या के देवकाली मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं दिल्ली के कालकाजी मंदिर, झंडेवालान मंदिर और छतरपुर स्थित श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर में भी भारी संख्या में भक्त पहुंचे.
इस अवसर पर देवी श्री कनकदुर्गा को श्री महा चंडिका देवी के रूप में सजाया जाता है. माना जाता है कि श्री महा चंडिका में महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती की ‘त्रिशक्ति’ विद्यमान है. इन्हें पूजने से समस्त देवी-देवताओं की पूजा का फल प्राप्त होता है। उनके आशीर्वाद से ज्ञान, यश और धन की प्राप्ति होती है तथा शत्रु भी मित्र बन जाते हैं.
आश्विन मास में आने वाली शारदीय नवरात्रि के दौरान देशभर में भक्ति, व्रत, भजन-कीर्तन और गरबा, डांडिया जैसे पारंपरिक नृत्यों का आयोजन होता है। हर दिन देवी के एक अलग स्वरूप को समर्पित होता है, जो शक्ति, करुणा और ज्ञान का प्रतीक है.
नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित है, जिन्हें दानवों, दुष्ट आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जाओं का संहारक माना जाता है. भक्त विश्वास करते हैं कि मां कालरात्रि उनकी जीवन की अंधकारमय बाधाओं को दूर कर उजाला और शक्ति प्रदान करती हैं.