डोडा (जम्मू-कश्मीर),
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता Sunil Sharma ने बांग्लादेश से कथित तौर पर चल रहे भारत-विरोधी अभियान पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों का उद्देश्य भारत में अशांति फैलाना और देश के विकास की रफ्तार को धीमा करना हो सकता है।
एएनआई से बातचीत में सुनील शर्मा ने कहा कि बांग्लादेश वह देश है, जिसका निर्माण भारतीय सैनिकों के बलिदान से जुड़ा रहा है। ऐसे में वहां से भारत विरोधी माहौल बनना बेहद चिंताजनक है। उन्होंने आशंका जताई कि इस अभियान के पीछे कुछ अन्य विदेशी ताकतें भी हो सकती हैं, जो भारत की प्रगति को रोकने के लिए अस्थिरता पैदा करना चाहती हैं। शर्मा ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार बांग्लादेश में हो रहे घटनाक्रम पर कड़ी नजर बनाए हुए है।
इस मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष Sat Sharma ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर पूरे भारत में चिंता है। उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का हवाला देते हुए कहा कि यह कानून प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को शरण देने के उद्देश्य से लाया गया था, लेकिन विपक्ष ने इसे गलत तरीके से पेश किया।
इस बीच बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता और गहरी हो गई है। मयमनसिंह में 27 वर्षीय हिंदू युवक दीपु चंद्र दास की कथित रूप से भीड़ द्वारा हत्या और उसके बाद शव जलाए जाने की घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश पैदा किया है। इस घटना को लेकर भारत ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त को एक सप्ताह में दूसरी बार तलब किया है, जिससे दोनों देशों के संबंधों में तनाव साफ झलकता है।
हालांकि, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ओर से शिक्षा सलाहकार सीआर अबरार ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की और सहायता का आश्वासन दिया है। वहीं, बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने मानवता के खिलाफ अपराधों के एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित 17 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए हैं।
कुल मिलाकर, बांग्लादेश में हालिया घटनाएं न केवल वहां के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही हैं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और भारत-बांग्लादेश संबंधों के लिए भी गंभीर चुनौती बनती जा रही हैं।






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