आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
1 जुलाई 2025 को देशभर में नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया गया. इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने देशभर के डॉक्टरों को शुभकामनाएं दीं और उनके निःस्वार्थ सेवा भाव को समाज के लिए प्रेरणादायक बताया. उन्होंने डॉक्टरों को "समाज के सच्चे नायक" करार दिया और कहा कि उनकी चौबीसों घंटे की समर्पित सेवा हर दिन न केवल हजारों लोगों की जान बचाती है, बल्कि उन्हें जीवन की नई उम्मीद भी देती है.
जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया मंच X पर अपने संदेश में लिखा, "मैं सभी डॉक्टरों को उनकी निःस्वार्थ मानव सेवा के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. हर स्वास्थ्य आपातकाल में आपने साहस, करुणा और कर्तव्यनिष्ठा के साथ फ्रंटलाइन पर खड़े रहकर मानवता की रक्षा की है. आपकी देखभाल, साहस और बलिदान आपको हमारे समाज का सच्चा नायक बनाते हैं.
उन्होंने आगे लिखा, "इस अवसर पर मैं केवल डॉक्टरों का ही नहीं, बल्कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों का आभार व्यक्त करता हूं, जिनके अथक प्रयास 'स्वस्थ भारत' की दिशा में हमारे प्रयासों को मजबूती दे रहे हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस मौके पर डॉक्टरों की सराहना करते हुए लिखा कि वे मानवता की रक्षा के लिए सतत सेवा में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा, "वे मानवता की ताकत हैं, जो समर्पण के साथ जीवन की रक्षा करते हैं और हमारे स्वास्थ्य की ढाल बनते हैं। सभी डॉक्टरों को उनकी अथक सेवाओं के लिए सलाम.
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने भी पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हम डॉक्टरों के योगदान को कभी नहीं भूल सकते, खासकर कोरोना महामारी के समय उन्होंने जो सेवा की वह अतुलनीय है। सभी डॉक्टरों को डॉक्टर्स डे की शुभकामनाएं.
भारत में नेशनल डॉक्टर्स डे हर साल 1 जुलाई को मनाया जाता है. यह दिन पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रख्यात चिकित्सक डॉ. बिधान चंद्र रॉय की जयंती और पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य चिकित्सा पेशे से जुड़े लोगों के योगदान को सम्मान देना और उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करना है.
कोविड महामारी के समय डॉक्टरों ने जिस साहस और समर्पण के साथ कार्य किया, वह आज भी लोगों के मन में गहरे सम्मान के रूप में जीवित है। अस्पतालों में घंटों पीपीई किट पहनकर काम करना, अपने परिवार से दूर रहकर मरीजों की देखभाल करना—इन सभी ने साबित किया कि डॉक्टर सिर्फ एक पेशेवर नहीं, बल्कि जीवनदाता हैं.
आज के समय में भी जब देश स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में कई चुनौतियों का सामना कर रहा है—जैसे कि ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी, मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान की आवश्यकता, और तकनीकी संसाधनों का अभाव—तब डॉक्टरों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. सरकार इस दिशा में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.
डॉक्टर्स डे का यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि चिकित्सा केवल इलाज नहीं, बल्कि सेवा, संवेदना और समर्पण का नाम है. यह दिन डॉक्टरों की प्रतिबद्धता, उनकी कड़ी मेहनत और मानवता के लिए उनके योगदान को सलाम करने का एक अवसर है.