Tthere has been a 46 percent drop in inquiries related to studies in the US: IDP Education
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
अमेरिका में अध्ययन करने के इच्छुक लोगों के पिछले एक वर्ष में पूछताछ करने में 46 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है, जबकि पिछले दो वर्षों में कनाडा में अध्ययन से संबंधित पूछताछ में लगभग 75 प्रतिशत की कमी आई है। ‘आईडीपी एजुकेशन’ के शीर्ष अधिकारियों ने यह जानकारी दी। वर्ष 1969 में ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा स्थापित, आईडीपी एजुकेशन अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सेवाओं में एक वैश्विक अग्रणी संस्थान है जो छात्रों को विदेश में अध्ययन करने के उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है.
कंपनी ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, आयरलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे गंतव्यों के लिए पाठ्यक्रम और विश्वविद्यालय चयन, आवेदन जमा करने, वीजा प्रक्रिया और प्रस्थान-पूर्व योजना बनाने पर निःशुल्क विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करती है। यह अंग्रेजी भाषा दक्षता परीक्षा (आईईएलटीएस) भी आयोजित करती है.
‘आईडीपी एजुकेशन’ के दक्षिण एशिया, कनाडा और लैटिन अमेरिका (एलएटीएएम) के क्षेत्रीय निदेशक पीयूष कुमार के अनुसार, भू-राजनीतिक स्थिति ने छात्रों की अमेरिका और कनाडा जाने की योजनाओं को प्रभावित किया है.
कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अगर हम भू-राजनीतिक स्थिति की बात करें, तो मुझे लगता है कि यह मुख्य रूप से अमेरिका से संबंधित है और हमने देखा है कि पिछले छह से 12 महीनों में इस स्थिति ने अमेरिका जाने की योजना बना रहे छात्रों की योजनाओं को स्पष्ट रूप से प्रभावित किया है। यह वास्तव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने से पहले ही शुरू हो गया था, इसलिए हमने देखा कि जून के बाद से वीजा अनुमोदन दरों में गिरावट आई है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘आमतौर पर, चुनावी वर्ष के दौरान, हम देखते हैं कि हर बार किसी न किसी कारण से वीजा अनुमोदन दर कम हो जाती है। लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप के आने के बाद, मुझे लगता है कि वे कुछ बदलाव की योजना बना रहे हैं.
आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कुमार ने कहा कि मई 2024 की तुलना में इस साल मई में अमेरिका के लिए पूछताछ में 46.4 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले दो वर्षों में कनाडा के लिए पूछताछ में भी लगभग 70 से 75 प्रतिशत की गिरावट आई है.
उन्होंने कहा, ‘‘कनाडा में पिछले दो वर्षों में बहुत सारे बदलाव हुए हैं। इसकी शुरुआत तब हुई जब (पूर्व कनाडाई प्रधानमंत्री) जस्टिन ट्रूडो और भारत सरकार के बीच विवाद हुआ। लेकिन समय के साथ, हुआ यह है कि कनाडा भी अमेरिकी शुल्क (टैरिफ) से प्रभावित हुआ है और कनाडा का 80 प्रतिशत निर्यात अमेरिका को होता है, इसलिए वे बहुत बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.