व्यस्क जीवन में किसी भी समय सक्रिय जीवनशैली अपनाना बढ़ा सकता है आयु: अध्ययन

Story by  रावी | Published by  [email protected] | Date 14-07-2025
Adopting an active lifestyle at any time in adult life can increase life expectancy: Study
Adopting an active lifestyle at any time in adult life can increase life expectancy: Study

 

 

 

लंदन

एक हालिया अध्ययन से यह सामने आया है कि वयस्क जीवन के किसी भी चरण में शारीरिक रूप से सक्रिय जीवनशैली अपनाना किसी भी कारण से मृत्यु के खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है, विशेष रूप से हृदय संबंधी रोगों से। यह अध्ययन ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है।

इस व्यापक विश्लेषण में 85 अध्ययनों की समीक्षा की गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि जो लोग लगातार शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हैं, उनकी मृत्यु का जोखिम 30-40% तक कम हो जाता है। वहीं जो लोग जीवन में बाद में सक्रिय होना शुरू करते हैं, उनके लिए यह जोखिम 20-25% तक कम होता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह निष्कर्ष दर्शाते हैं कि जीवन के किसी भी मोड़ पर सक्रिय होना लंबी उम्र का कारण बन सकता है — और सक्रियता शुरू करने के लिए कभी देर नहीं होती।

वर्तमान में स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सिफारिश है कि वयस्कों को सप्ताह में 150-300 मिनट की मध्यम तीव्रता की या 75-150 मिनट की तीव्र शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए, या इन दोनों का संयोजन अपनाना चाहिए।

हालांकि, पहले के अधिकतर अध्ययन केवल एक समय बिंदु पर शारीरिक गतिविधियों को मापते थे, जिससे यह समझना कठिन हो जाता था कि जीवनभर में गतिविधियों के बदलते पैटर्न का प्रभाव क्या होता है। इस अध्ययन का उद्देश्य भी यही था कि पता लगाया जा सके कि गतिविधियों के अलग-अलग पैटर्न और जीवनभर की कुल सक्रियता मृत्यु के जोखिम को कैसे प्रभावित करती है — विशेष रूप से हृदय रोग और कैंसर से होने वाली मृत्यु पर।

शोधकर्ताओं ने अप्रैल 2024 तक प्रकाशित 85 अंग्रेज़ी अध्ययनों को इस विश्लेषण में शामिल किया, जिनमें प्रतिभागियों की संख्या 357 से लेकर 65 लाख से अधिक तक थी। इनमें से 59 अध्ययन वयस्क जीवन के दौरान दीर्घकालिक सक्रियता पर आधारित थे, 16 अध्ययन अलग-अलग स्तर की गतिविधियों के औसत प्रभाव पर केंद्रित थे, और 11 ने जीवनभर की कुल गतिविधि का विश्लेषण किया।

डेटा विश्लेषण से यह स्पष्ट हुआ कि अधिक शारीरिक सक्रियता, मृत्यु के सभी कारणों के जोखिम को कम करती है। लगातार सक्रिय रहने वाले प्रतिभागियों (32 अध्ययन) की मृत्यु का जोखिम 30-40% तक कम पाया गया, जबकि जिन्होंने अपनी गतिविधि का स्तर बाद में बढ़ाया (21 अध्ययन), उनके लिए यह कमी 20-25% थी।

जो लोग निष्क्रिय जीवन से सक्रिय जीवन की ओर बढ़े, उनके मृत्यु का जोखिम 22% कम रहा, जबकि जिन लोगों ने अपने अवकाश के समय की गतिविधियों को बढ़ाया, उनके लिए यह कमी 27% थी।

हालांकि, जो लोग सक्रिय जीवन से फिर निष्क्रिय हो गए, उनके लिए मृत्यु के जोखिम में कोई खास कमी नहीं देखी गई।

शोध में यह भी पाया गया कि अधिकतर लाभ हृदय रोग से मृत्यु के जोखिम को कम करने में अधिक स्पष्ट थे, जबकि कैंसर से मृत्यु के संबंध में सबूत अपेक्षाकृत कमजोर रहे। जो प्रतिभागी लगातार सक्रिय रहे, उन्हें हृदय रोग से मरने का 40% और कैंसर से मरने का 25% कम जोखिम था, तुलना में उन लोगों के जो लगातार निष्क्रिय रहे।

हालांकि, विशिष्ट कारणों से मृत्यु (विशेषकर कैंसर) के लिए शारीरिक गतिविधि के पैटर्न और मृत्यु के जोखिम के बीच संबंध को लेकर निष्कर्ष पूरी तरह स्पष्ट नहीं थे।

अध्ययन में यह भी बताया गया कि जो लोग लगातार सक्रिय रहे या बाद में सक्रिय हुए और साप्ताहिक अनुशंसित शारीरिक गतिविधि स्तरों को पूरा करते हैं, उनके लिए मृत्यु का जोखिम कम होता है। हालांकि अनुशंसित स्तर से अधिक व्यायाम करने से जोखिम में थोड़ी और कमी आती है।

सबसे अहम बात यह कि जो लोग अनुशंसित से कम स्तर की शारीरिक गतिविधि भी करते हैं, उन्हें भी पर्याप्त स्वास्थ्य लाभ होते हैं — यानी कि कुछ भी गतिविधि, बिल्कुल न करने से बेहतर है, ऐसा शोधकर्ताओं का मानना है।

हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस अध्ययन में शामिल ज़्यादातर शोध शारीरिक गतिविधियों की स्व-मूल्यांकन (self-reported) पद्धति पर आधारित थे, जो हमेशा सटीक नहीं हो सकती। इसके बावजूद, यह अध्ययन एक मजबूत संदेश देता है कि सक्रिय रहना — चाहे जब शुरू किया जाए — आपके जीवन को लंबा और स्वस्थ बना सकता है।