केरल के पलक्कड़ में निपाह से एक और मौत, छह जिलों में अलर्ट जारी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 14-07-2025
One more death due to Nipah in Palakkad, Kerala, alert issued in six districts
One more death due to Nipah in Palakkad, Kerala, alert issued in six districts

 

तिरुवनंतपुरम (केरल)

केरल के पलक्कड़ जिले में निपाह वायरस से एक और मौत की पुष्टि हुई है। 58 वर्षीय व्यक्ति, जो मन्नारक्कड़ के पास कुमरमपुथुर का रहने वाला था, की मृत्यु परिन्थलमन्ना के एक निजी अस्पताल में हुई। बाद में उसकी रिपोर्ट में निपाह वायरस की पुष्टि हुई।

इसके बाद राज्य सरकार ने पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, कन्नूर, वायनाड और त्रिशूर जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है।

स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने जानकारी दी कि मृतक के संपर्क में आए लोगों की सूची तैयार कर ली गई है और पुणे स्थित वायरोलॉजी संस्थान से अंतिम पुष्टि का इंतजार है। मरीज की मौत 12 जुलाई को हुई थी और मंझेरी मेडिकल कॉलेज में जांच के दौरान उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी।

महत्वपूर्ण कदम और आंकड़े:

  • अब तक 543 लोग निपाह संपर्क सूची में शामिल किए गए हैं।

  • नए मामले से जुड़े 46 लोगों की पहचान की गई है।

    • इनमें 219 पलक्कड़, 208 मलप्पुरम, 114 कोझिकोड और 2 एर्नाकुलम से हैं।

  • मलप्पुरम जिले में 10 लोग उपचाराधीन, जिनमें से 2 ICU में हैं।

  • अब तक 62 सैंपल मलप्पुरम में निगेटिव पाए गए हैं।

  • 36 लोग राज्य में सबसे उच्च जोखिम श्रेणी में हैं और 128 लोग उच्च जोखिम में निगरानी में हैं

सावधानी और अपील:

मंत्री ने कहा कि क्षेत्र में संपर्क ट्रेसिंग, सीसीटीवी विश्लेषण, रूट मैप और परिवारिक इतिहास तैयार किया गया है। क्षेत्रीय स्तर पर कार्यवाही तेज़ कर दी गई है और बुखार निगरानी भी जारी है।
मंत्री ने लोगों से अपील की:

  • पलक्कड़ और मलप्पुरम जिलों में अवश्यक न होने पर अस्पताल न जाएँ

  • अस्पतालों में भर्ती मरीजों से मिलने से बचें।

  • मरीज के साथ केवल एक सहायक हो।

  • अस्पताल में आने वाले सभी लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य है।

राज्य सरकार ने 6 जिलों के सभी अस्पतालों को विशेष अलर्ट जारी किया है और निर्देश दिए हैं कि बुखार या निपाह जैसे लक्षणों (जैसे दिमागी बुखार) वाले किसी भी मामले की तुरंत रिपोर्ट की जाए।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यदि आगे और मामले सामने आते हैं तो टीमों को और मज़बूत किया जाएगा और मोबाइल टावर लोकेशन ट्रैकिंग जैसी तकनीकों का भी उपयोग किया जाएगा।