नई दिल्ली
बॉलीवुड अभिनेता ऋतिक रोशन की पूर्व पत्नी सुज़ैन खान की मां और अभिनेता संजय खान की पत्नी ज़रीन खान का हाल ही में 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन के बाद सोशल मीडिया पर यह सवाल उठने लगा कि उन्हें दफ़नाने के बजाय हिंदू रीति-रिवाजों से क्यों जलाया गया। इस विवाद पर अब उनकी बेटी फराह अली खान ने खुलकर प्रतिक्रिया दी है।
ज़रीन खान का जन्म एक पारसी परिवार में हुआ था, बाद में उन्होंने अभिनेता संजय खान, जो एक मुस्लिम परिवार से हैं, से शादी की थी। यही कारण था कि उनके धर्म और अंतिम संस्कार की विधि को लेकर भ्रम फैल गया। सोशल मीडिया पर कई लोग यह सवाल कर रहे थे कि ज़रीन को दफ़नाने के बजाय अंत्येष्टि संस्कार क्यों किया गया।
इस पर फराह अली खान ने इंस्टाग्राम पर अपनी माँ की याद में एक भावनात्मक पोस्ट साझा करते हुए स्पष्ट किया कि उनकी माँ किसी धर्म की सीमाओं में नहीं बंधी थीं। उन्होंने लिखा—“मेरी माँ ज़रीन एक असाधारण इंसान थीं। उनके जीवन का सिद्धांत था – भूल जाओ और माफ़ कर दो। वह दयालु, करुणामयी और सभी से प्रेम करने वाली थीं। उन्होंने हमेशा परिवार को एकजुट रखा।”
फराह ने आगे लिखा—“मेरी माँ एक पारसी परिवार में पैदा हुईं, एक मुस्लिम परिवार में शादी की और उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाजों से किया गया। वह किसी धर्म से बंधी नहीं थीं, मानवता ही उनका धर्म था।”
फराह के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोगों ने उनकी सोच की सराहना की और ज़रीन खान को श्रद्धांजलि दी।ज़रीन खान न केवल संजय खान की पत्नी और सुज़ैन खान की माँ के रूप में जानी जाती थीं, बल्कि वह खुद एक समय की प्रमुख मॉडल और अभिनेत्री भी थीं। उनके तीन बच्चे हैं — ज़ायेद खान, सुज़ैन खान और फराह अली खान।
ज़रीन के निधन और उनके अंतिम संस्कार को लेकर उठे सवालों के बीच, फराह के इस बयान ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी माँ का जीवन और सोच किसी एक धर्म तक सीमित नहीं थी — वे मानवता और प्रेम की प्रतीक थीं।






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