जर्मन दिग्गज अभिनेता उडो कीर का 81 वर्ष की उम्र में निधन, दुनिया भर में शोक की लहर

Story by  रेशमा | Published by  [email protected] | Date 25-11-2025
Veteran German actor Udo Kier dies at 81, worldwide mourning
Veteran German actor Udo Kier dies at 81, worldwide mourning

 

नई दिल्ली

 

दिग्गज जर्मन अभिनेता उडो कीर का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनके लंबे समय के साथी और कलाकार डेल्बर्ट मैकब्राइड ने उनकी मृत्यु की पुष्टि की है। पाँच दशकों से अधिक के करियर में कीर ने अपने अभिनय से एक ऐसी पहचान बनाई जो एक साथ असाधारण, अनोखी, कलात्मक और बेहद प्रतिष्ठित मानी जाती थी।

1973-74 में रिलीज़ हुई पॉल मॉरिससे और एंडी वारहोल की दो चर्चित और विवादास्पद फ़िल्मों—‘फ्लेश फ़ॉर फ्रैंकनस्टाइन’ और ‘ब्लड फ़ॉर ड्रैकुला’—ने उडो कीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई। इन फ़िल्मों में उनकी स्क्रीन उपस्थिति कभी असहज कर देने वाली, कभी व्यंग्यपूर्ण, तो कभी एक रहस्यमयी आकर्षण से भरी रहती थी। इन्हीं भूमिकाओं ने उन्हें एक ऐसे अविस्मरणीय अभिनेता के रूप में स्थापित किया, जिनसे दर्शक अपनी नजरें हटाना मुश्किल समझते थे।

1970 और 80 के दशक में उडो कीर यूरोपीय सिनेमा के एक स्थायी और प्रमुख चेहरे बन चुके थे। इस दौरान उन्होंने जर्मनी के मशहूर लेखक-निर्देशक रेनर वर्नर फासबिंदर के साथ कई क्लासिक फ़िल्में कीं—जैसे ‘द स्टेशनमास्टर्स वाइफ’, ‘द थर्ड जेनरेशन’ और ‘लिली मर्लिन’। कीर की विशेषता यह थी कि वे गंभीरता और विचित्र हास्य के मेल को एक अनोखे अंदाज़ में पेश करते थे—एक ऐसा अंदाज़ जिसकी नकल करना लगभग असंभव था।

1990 के दशक के आरंभ में बर्लिन अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव में उनकी मुलाकात प्रसिद्ध निर्देशक गस वान सेंट से हुई। यह मुलाकात उनके करियर का नया अध्याय साबित हुई। वान सेंट ने उन्हें कीनू रीव्स और रिवर फीनिक्स जैसे बड़े सितारों के साथ फिल्म ‘माई प्राइवेट इडाहो’ में काम करने का मौका दिया। इस फिल्म के बाद उडो कीर अमेरिकी दर्शकों के बीच भी तुरंत पहचाने जाने लगे।

इसी दौर में उनकी एक और लंबी रचनात्मक यात्रा शुरू हुई—डेनिश निर्देशक लार्स वॉन ट्रायर के साथ। वॉन ट्रायर की लगभग हर प्रमुख फिल्म में उडो कीर किसी न किसी महत्वपूर्ण भूमिका में नज़र आते रहे हैं—जैसे ‘यूरोपा’, ‘ब्रेकिंग द वेव्स’, ‘डांसर इन द डार्क’, ‘डॉगविले’, ‘मेलानचोलिया’, और ‘निम्फोमेनियाक: वॉल्यूम 2’

उडो कीर का करियर जितना विविध रहा, उतना ही उनकी स्क्रीन उपस्थिति ने दुनिया भर के दर्शकों को प्रभावित किया। उनका निधन अंतरराष्ट्रीय सिनेमा जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।