आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
अरबपति उद्योगपति गौतम अदाणी ने कहा है कि बाजार नियामक सेबी की जांच में सभी आरोप खारिज होने के बाद अब उनका समूह नवोन्मेषण को तेज करने, पारदर्शिता बढ़ाने और दीर्घकालिक प्रभाव वाली परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेगा.
अदाणी ने हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों से मुक्त होने के बाद कर्मचारियों को भेजे एक आंतरिक संदेश में कहा, ‘‘आज वह बादल छंट गया है जो दो साल से हमारे ऊपर मंडरा रहा था। सेबी की व्यापक जांच ने जनवरी, 2023 में आई रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया है.
अब बंद हो चुकी अमेरिकी निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी, 2023 में अदाणी समूह पर खातों में गड़बड़ी, शेयर कीमतों में हेराफेरी और गैर-पारदर्शी विदेशी संस्थाओं के उपयोग का आरोप लगा था। इससे समूह के शेयरों में जबर्दस्त गिरावट आई थी और समूह की कंपनियों के सामूहिक बाजार पूंजीकरण में करीब 150 अरब डॉलर तक की गिरावट आई थी। हालांकि, समूह ने शुरू से ही आरोपों को नकार दिया था.
समूह के चेयरमैन अदाणी ने इसे ‘लक्षित एवं बहुआयामी हमला’ बताने के साथ वैश्विक समीक्षा के दौर में अपने कर्मचारियों की प्रतिबद्धता की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि इस दौर में भी समूह के बंदरगाह, बिजली संयंत्र, हवाई अड्डे, सीमेंट और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं आगे बढ़ती रहीं.
अदाणी ने कहा, ‘‘आपने साबित कर दिया कि दबाव में काम को अंजाम देना ही चरित्र की असली परीक्षा होती है और यह दिखा दिया कि अदाणी का चरित्र अटूट है.
भविष्य की प्राथमिकताएं बताते हुए अदाणी ने कहा कि ईमानदारी और पारदर्शिता समूह की नींव बनी रहनी चाहिए। उन्होंने ऊर्जा, लॉजिस्टिक और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में तेज नवाचार, दीर्घकालिक मूल्य निर्माण और कायांतरण पर जोर दिया.
अदाणी ने कहा, ‘‘हमें आज की तालियों के लिए नहीं बल्कि आने वाले दशकों की विरासत के लिए निर्माण करना है.