Shankar Ehsaan Loy and Sonu Nigam to be honoured with National Lata Mangeshkar Award
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
प्रसिद्ध गायक शंकर एहसान लॉय को संगीत निर्देशन और सोनू निगम को पार्श्व गायन के लिए क्रमशः 2024 और 2025 के राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान से नवाजा जाएगा। मध्यप्रदेश के संस्कृति विभाग ने यह घोषणा की.
इसके साथ ही जाने-माने गीतकार प्रसून जोशी एवं फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली को राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान से नवाजे जाने की घोषणा की गई.
संस्कृति विभाग के संचालक एन पी नामदेव ने एक बयान में कहा, ‘‘2024 का राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान संगीत निर्देशन के लिए शंकर-एहसान लॉय को और वर्ष 2025 का पार्श्व गायन के लिए सोनू निगम को प्रदान किया जायेगा.
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान समारोह 28 सितंबर को इंदौर में आयोजित किया जाएगा। भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर का जन्म 1929 को इंदौर में हुआ था.
मध्यप्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा प्रति वर्ष लता मंगेशकर की जयंती पर यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 1984 में हुई थी।
नामदेव ने बताया कि वर्ष 2024 का राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान गीत लेखन के लिये प्रसून जोशी एवं वर्ष 2025 का सम्मान निर्देशन के लिये संजय लीला भंसाली को प्रदान किया जायेगा।
इसके लिए सम्मान समारोह का आयोजन 13 अक्टूबर 2025 को खंडवा में किया जाएगा। यह सम्मान किशोर कुमार की स्मृति में आरंभ किया गया था.खंडवा किशोर कुमार की जन्मभूमि है.
नामदेव ने बताया कि इसी तरह वर्ष 2024 का राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान आनंदधाम भोपाल और 2025 का सम्मान पुनरुत्थान समरसता गुरुकुलम पुणे को प्रदान किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि 2024 का राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान जबलपुर के प्रशांत पोल और 2025 का सम्मान भोपाल के लोकेन्द्र सिंह राजपूत को प्रदान किया जाएगा.
यह सम्मान प्रतिवर्ष हिंदी सॉफ्टवेयर सर्च इंजन, वेब डिजाइनिंग, डिजिटल भाषा प्रयोगशाला, प्रोग्रामिंग, सोशल मीडिया, ‘डिजिटल ऑडियो विजुअल एडिटिंग’ आदि में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है.
इसी तरह 2024 का राष्ट्रीय निर्मल वर्मा सम्मान ऑस्ट्रेलिया की रीता कौशल और 2025 का सम्मान इंग्लैंड की डॉ वंदना मुकेश को प्रदान किया जाएगा.
यह सम्मान प्रतिवर्ष अप्रवासी भारतीय के विदेश में हिंदी के विकास में किये गये अमूल्य योगदान के लिए दिया जाता है.
वर्ष 2024 का राष्ट्रीय फादर कामिल बुल्के सम्मान रूस के डॉ. इंदिरा गाजिएवा तथा 2025 का सम्मान श्रीलंका के पद्मा जोसेफिन वीरसिंघे को दिया जाएगा.
यह सम्मान प्रतिवर्ष विदेशी मूल के उन व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने हिंदी भाषा एवं उसकी बोलियों के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया हो.