आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
प्रसिद्ध अभिनेत्री और मॉडल शेफाली जरीवाला के आकस्मिक निधन ने फिल्म और टीवी जगत को गहरे सदमे में डाल दिया है. महज 42 साल की उम्र में शेफाली ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया, और उनके निधन पर अभिनेता रज़ा मुराद ने गहरा दुख जताया है.
एएनआई से बातचीत में रज़ा मुराद ने कहा, "शेफाली जरीवाला का यूं अचानक चला जाना ऐसा झटका है जिसे कोई अपने सपनों में भी नहीं सोच सकता। वह बहुत खूबसूरत, ग्लैमरस और दमदार व्यक्तित्व वाली थीं. एक गाने ने उन्हें सुपरस्टार बना दिया था। 'कांटा लगा' से उन्होंने दुनियाभर में तहलका मचा दिया था। वह रॉकस्टार जैसी दिखती थीं.
रज़ा मुराद ने याद करते हुए बताया कि उनकी शेफाली से आख़िरी मुलाकात चंडीगढ़ के एक इवेंट में हुई थी. "उनका दिल बहुत जिंदादिल था. जब उनसे आख़िरी बार मिला, तो वो बहुत खुश लग रही थीं. चेहरे पर चमक थी, आंखें मानो चमकते हीरे जैसी लग रही थीं. उन्होंने कहा, "हम सिर्फ ईश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं कि उनकी आत्मा को शांति मिले। हर किसी की ज़िंदगी में दुख और तकलीफ़ें होती हैं. अब वह सभी तकलीफों से मुक्त हो गई हैं.
शेफाली जरीवाला का निधन 27 जून की रात मुंबई के बेलव्यू मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल में हुआ। उन्हें रात को तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मुंबई पुलिस ने पुष्टि की कि पोस्टमॉर्टम के लिए शव कूपर अस्पताल भेजा गया है और मृत्यु के वास्तविक कारण की पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी, हालांकि प्रारंभिक रूप से कार्डियक अरेस्ट की आशंका जताई जा रही है.
ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने भी सोशल मीडिया पर अपने आधिकारिक बयान में दुख प्रकट करते हुए लिखा, "शेफाली जरीवाला अब हमारे बीच नहीं रहीं। सिर्फ 42 साल की उम्र में उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। विश्वास करना मुश्किल है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और परिवार को इस दुख की घड़ी में शक्ति दे. शेफाली को साल 2002 के सुपरहिट म्यूज़िक वीडियो ‘कांटा लगा’ से घर-घर में पहचान मिली थी. इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड फिल्म ‘मुझसे शादी करोगी’ में भी काम किया और ‘बिग बॉस 13’ तथा ‘नच बलिए’ जैसे रिएलिटी शोज़ में भी भाग लिया.
शेफाली सिर्फ एक कलाकार नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और जागरूक व्यक्ति थीं. उन्होंने एपिलेप्सी (मिर्गी) से जूझने के अपने निजी अनुभवों को साझा कर मानसिक स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण के लिए आवाज़ उठाई थी. रज़ा मुराद ने अंत में कहा, "वो हमें छोड़ कर चली गई हैं, लेकिन अपनी यादें और अपना वो गाना छोड़ गई हैं, जो हमेशा हमारे दिलों और ज़ेहन में जिंदा रहेगा. शेफाली के असमय चले जाने से पूरा मनोरंजन जगत शोक में डूबा है। उनका जाना केवल एक प्रतिभा का अंत नहीं, बल्कि उस आवाज़ और सोच का अंत है जो समाज में बदलाव की बात करती थी.