पुणे: बोमन ईरानी ने की महा आरती, गणेश उत्सव को बताया ‘एकता का पर्व’

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 01-09-2025
Pune: Boman Irani performed Maha Aarti, called Ganesh Utsav a 'festival of unity'
Pune: Boman Irani performed Maha Aarti, called Ganesh Utsav a 'festival of unity'

 

पुणे

बॉलीवुड अभिनेता बोमन ईरानी ने पुणे के ऐतिहासिक श्रिमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति मंडल में दर्शन किए और गणेश उत्सव के अवसर पर शाम की महा आरती में भाग लिया। इसके बाद उन्होंने वहां मौजूद भक्तों से भी मुलाकात की।

मीडिया से बातचीत करते हुए बोमन ईरानी ने कहा, “मुझे आज बप्पा के दर्शन करने का सौभाग्य मिला, जिससे मैं बेहद खुश हूं। मेरी भतीजी पुणे में रहती है, और उनके घर भी गणपति पधारे हैं। मैंने वहां भी पूजा में भाग लिया। गणेश उत्सव एक ऐसा पर्व है जो लोगों को जोड़ता है, साथ लाता है।”

उन्होंने आगे कहा, “जब बप्पा विदा होते हैं, तो वे ये संदेश छोड़ जाते हैं कि वो अगले साल फिर आएंगे। और तब तक हम सबको एकता के साथ रहना चाहिए। यही गणेश उत्सव का असली संदेश है — एकता का संदेश। मैंने आज बप्पा से कुछ नहीं मांगा। उन्होंने पहले ही मुझे सब कुछ दे दिया है — लोगों का प्यार, सम्मान और समर्थन। मैंने बस उन्हें धन्यवाद कहने का अवसर मांगा।”

अपने आगामी प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी देते हुए बोमन ईरानी ने बताया, “मैं प्रियदर्शन के निर्देशन में बन रही एक फिल्म पर काम कर रहा हूं, जिसकी शूटिंग के लिए मैं जल्द ही केरल जाऊंगा। इस फिल्म में अक्षय कुमार और सैफ अली खान भी हैं। साथ ही, 65 साल की उम्र में मैंने एक फिल्म का निर्देशन भी पूरा किया है।”

मंडल के ऐतिहासिक महत्व पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे इस मंडल की सबसे खास बात यह लगी कि यह देश का पहला सार्वजनिक गणपति है। इसका स्थापना काल ऐतिहासिक रहा है। इस गणपति के जरिए बुराई के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक साफ नजर आता है।”

इस अवसर पर मराठी अभिनेता संतोष जुवेकर भी बोमन ईरानी के साथ उपस्थित थे और उन्होंने भी गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना की।

इससे पहले रविवार को सलमान खान और उनके परिवार ने भी श्रद्धा, संगीत और उमंग के साथ बप्पा को विदाई दी। अभिनेता ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें पूरे परिवार को गणपति विसर्जन की तैयारी करते देखा गया। ढोल-ताशों की गूंज के बीच हर सदस्य ने बप्पा को कंधों पर उठाकर विदाई दी, जिससे यह क्षण भावुक और व्यक्तिगत बन गया।

गणेश चतुर्थी, हिंदू luni-solar पंचांग के 'भाद्रपद' माह के चौथे दिन से शुरू होती है। यह दस दिवसीय उत्सव 'चतुर्थी' से शुरू होकर 'अनंत चतुर्दशी' तक चलता है, जिसमें श्रद्धालु पूरे उत्साह से बप्पा की पूजा करते हैं और अंतिम दिन भावभीनी विदाई देते हैं।