संगीत में प्रयोगशीलता के बेताज बादशाह थे पंचम दा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 28-06-2025
From 'O Haseena' to 'Ek Ladki Ko Dekha': The colourful shades of RD Burman's tunes
From 'O Haseena' to 'Ek Ladki Ko Dekha': The colourful shades of RD Burman's tunes

 

नयी दिल्ली

भारतीय सिनेमा के संगीत जगत में क्रांति लाने वाले प्रसिद्ध संगीतकार राहुल देव बर्मन—जिन्हें दुनिया आर डी बर्मन के नाम से जानती है—की जादुई धुनों ने कई पीढ़ियों के दिलों पर राज किया. आइए उनकी कुछ सबसे यादगार रचनाओं को याद करें जो आज भी उतनी ही ताज़ा और लोकप्रिय हैं.

"ओ हसीना जुल्फों वाली जान-ए-जां" (1966, तीसरी मंज़िल)

शम्मी कपूर और हेलेन पर फिल्माया गया यह जोशीला गीत आर डी बर्मन के करियर का टर्निंग पॉइंट माना जाता है. इस गाने ने उन्हें उनके पिता एस डी बर्मन की संगीत विरासत का वास्तविक उत्तराधिकारी साबित किया.

 "मेरे सामने वाली खिड़की में" (1968, पड़ोसन)

किशोर कुमार की आवाज़ और सुनील दत्त-सायरा बानो की नोकझोंक वाली केमिस्ट्री से सजा यह रोमांटिक गीत आज भी युवाओं की पसंदीदा प्लेलिस्ट में शामिल है.

 "चला जाता हूँ" (1972, मेरे जीवन साथी)

राजेश खन्ना और तनुजा पर फिल्माया गया यह गाना किशोर कुमार की आवाज़ और आर डी बर्मन की लयकारी का शानदार नमूना है.

"देखा ना हाय रे" (1972, बॉम्बे टू गोवा)

अमिताभ बच्चन और अरुणा ईरानी पर फिल्माया गया यह हल्का-फुल्का गीत सफर के जोश और युवा ऊर्जा को खूबसूरती से बयान करता है.

 "चुरा लिया है तुमने जो दिल को" (1973, यादों की बारात)

आशा भोसले और मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ों से सजी इस कालजयी धुन को भला कौन भूल सकता है? आर डी बर्मन के संगीत की मिठास इस गीत में झलकती है.

 "दम मारो दम" (1971, हरे रामा हरे कृष्णा)

ज़ीनत अमान और देव आनंद की मौजूदगी के साथ, यह गीत हिप्पी संस्कृति की प्रतीक बन गया. इसका ट्रांस-साउंड आज भी कई इंटरनेशनल प्लेलिस्ट में सुनाई देता है.

"महबूबा महबूबा" (1975, शोले)

स्वयं आर डी बर्मन द्वारा गाया गया यह गीत आज भी पार्टी प्लेलिस्ट का अनिवार्य हिस्सा है.

"आप की आँखों में कुछ" (1978, घर)

रेखा और विनोद मेहरा पर फिल्माया गया यह गाना लता मंगेशकर और किशोर कुमार की युगल आवाज़ों में सजीव होता है.

"मेरा कुछ सामान" (1987, इजाज़त)

गुलज़ार की लेखनी और आशा भोसले की भावपूर्ण आवाज़ के साथ यह गीत नारी संवेदना और स्मृतियों का एक संगीतमय दस्तावेज़ बन जाता है.

 "एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा" (1994, 1942: ए लव स्टोरी)

अनिल कपूर और मनीषा कोइराला पर फिल्माया गया यह गीत प्रेम की मासूमियत और मधुरता का प्रतीक है. दुर्भाग्यवश, बर्मन साहब इस गीत की ऐतिहासिक सफलता को देख नहीं सके.

आर डी बर्मन के संगीत में नवाचार था, आत्मा थी, और एक ऐसा जादू था जो आज भी हर दिल को छू लेता है. उनकी धुनों ने न केवल ज़माने को बदला, बल्कि भारतीय सिनेमा को एक नया संगीत भाषा दी.