एक्टर और प्रोड्यूसर के तौर पर मेरी भूमिकाएँ अलग हैं: प्रियंका चोपड़ा जोनस

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 04-12-2025
My roles as an actor and producer are different: Priyanka Chopra Jonas on supporting the documentary 'Born Hungry'
My roles as an actor and producer are different: Priyanka Chopra Jonas on supporting the documentary 'Born Hungry'

 

नई दिल्ली

प्रियंका चोपड़ा जोनस कहती हैं कि एक अभिनेता के रूप में वह खुद को अलग-अलग शैलियों—एक्शन, कॉमेडी, ड्रामा—में परखना चाहती हैं, जबकि एक निर्माता के रूप में उनकी संवेदनशीलता उन कहानियों का साथ देने में है जो भावनात्मक रूप से उन्हें छूती हैं और नए प्रतिभाशाली फिल्मकारों को मौका देती हैं। इसी सोच ने उन्हें शेफ सैश सिम्पसन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री ‘बॉर्न हंग्री’ का समर्थन करने के लिए प्रेरित किया।

यह डॉक्यूमेंट्री, जो भारत में JioHotstar पर स्ट्रीम हो रही है, सैश सिम्पसन की जीवन यात्रा को दिखाती है—भारत में एक छोटे बच्चे के रूप में छोड़े जाने से लेकर कनाडा में गोद लिए जाने तक, और बाद में एक प्रसिद्ध शेफ के रूप में सफल होने तक।

फिल्म का निर्माण प्रियंका के बैनर पर्पल पेबल पिक्चर्स ने बैरी एवरीच की मेलबार एंटरटेनमेंट ग्रुप के साथ मिलकर किया है।

प्रियंका कहती हैं,“एक अभिनेता और एक निर्माता के रूप में मेरी सोच दो अलग दिशाओं में चलती है। अभिनय में मैं खुद को चुनौती देती रहती हूँ—क्या मैं अलग-अलग शैलियों में काम कर सकती हूँ? क्या मैं एक्शन, कॉमेडी और ड्रामा सब कर सकती हूँ? इसीलिए मेरी फिल्मोग्राफी में इतनी विविधता है।
लेकिन एक निर्माता के तौर पर मेरा रुख ज्यादा संवेदनशील होता है। हमारा प्रयास हमेशा ऐसे फिल्मकारों को अवसर देना है, जो कुछ नया करना चाहते हों लेकिन कहीं दीवार से टकरा रहे हों। मेरी प्रोडक्शन सोच वहीं से आती है जहाँ मुझे कोई कहानी भीतर तक छू जाती है।”

प्रियंका बताती हैं कि ‘बॉर्न हंग्री’ की कहानी 2023 में बैरी के माध्यम से उनके पास आई।“मैंने इसे देखा और हम सभी बेहद भावुक हो गए। यह सिर्फ सैश की कहानी नहीं, बल्कि निर्देशक द्वारा रचा गया पूरा नैरेटिव ही बेहद प्रभावशाली था। हमें लगा कि हमें इसे बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुँचाने में मदद करनी चाहिए। उम्मीद है कि JioHotstar के जरिए यह फिल्म सैश को उसके जन्म परिवार के बारे में कुछ जवाब खोजने में सहायता करेगी।”

प्रियंका कहती हैं कि जब उन्होंने अपना प्रोडक्शन हाउस शुरू किया था, उस वक्त ‘वेंटिलेटर’ और ‘पानी’ जैसी मजबूत कहानियाँ चुनी गईं। यह रुझान शायद उनके अपने शुरुआती संघर्षों से भी आता है, जब मिस वर्ल्ड जीतने के बाद उन्होंने बिना किसी फिल्मी पृष्ठभूमि के हिंदी सिनेमा में कदम रखा।

“मुझे याद है कि शुरुआत में मैं खुद बहुत खोई हुई महसूस करती थी। मेरे माता-पिता डॉक्टर थे, फिल्म उद्योग के बारे में उन्हें भी कुछ नहीं पता था। शायद इसलिए मैं उन कहानियों की ओर आकर्षित होती हूँ जिन्हें नजरअंदाज किया जाता है।”

वह कहती हैं कि उनका सपना है कि उनका प्रोडक्शन हाउस उन रचनाकारों का घर बने जिनकी अपनी दृष्टि हो और जो साहस के साथ कहानियाँ कहना चाहते हों।

हॉलीवुड में अपनी यात्रा के बारे में प्रियंका कहती हैं कि अभी बहुत काम बाकी है।“अगर आप मेरी भारतीय फिल्मों को देखें तो उनमें बहुत विविधता है। अंतरराष्ट्रीय काम में मैं अभी तक वह विविधता हासिल नहीं कर पाई हूँ। मैं चाहती हूँ कि अंग्रेजी फिल्मों में भी वैसा ही रोचक और चुनौतीपूर्ण काम करूँ जैसा बॉलीवुड में किया है। मैं अभी हॉलीवुड में अपनी वृद्धि की शुरुआती अवस्था में हूँ।”

हाल ही में प्रियंका भारत में राजामौली और महेश बाबू की फिल्म ‘वाराणसी’ के लॉन्च के लिए आई थीं। हॉलीवुड में वह ‘बेवॉच’, ‘द मैट्रिक्स रेज़रेक्शन्स’ और हाल ही में ‘हेड्स ऑफ स्टेट’ जैसी फिल्मों में काम कर चुकी हैं।

“मैं एक बेहद दिलचस्प मोड़ पर हूँ, जहाँ दुनिया के अलग-अलग फिल्मकारों के साथ काम करने का अवसर मिल रहा है—और मैं इन मौकों को पूरे उत्साह के साथ अपनाती हूँ।”