Maharashtra Deputy CM Eknath Shinde said about ‘Sittare Zameen Par’ – “Every special child deserves education”
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को आमिर खान की फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ की एक विशेष स्क्रीनिंग में शिरकत की और फिल्म को बच्चों के लिए “संवेदनशील और प्रेरणादायक” करार दिया. यह स्क्रीनिंग शिवसेना नेत्री शायना एनसी द्वारा आयोजित की गई थी.
एकनाथ शिंदे ने फिल्म में उठाए गए विषयों की सराहना करते हुए कहा कि यह फिल्म विशेष बच्चों — विशेष रूप से सीखने में कठिनाई झेलने वाले छात्रों — के मुद्दों को बेहद संवेदनशीलता और गहराई से प्रस्तुत करती है.
स्क्रीनिंग के बाद बोलते हुए डिप्टी सीएम शिंदे ने कहा, “विशेष बच्चे अन्य बच्चों से किसी भी तरह से कम नहीं हैं। उन्हें भी मुख्यधारा की शिक्षा और समाज में पूरा स्थान मिलना चाहिए. राज्य सरकार ऐसे बच्चों को पूरा सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है. जरूरत पड़ी तो हम मुंबई महानगरपालिका (BMC) स्तर पर भी नीतिगत निर्णय लेंगे.”
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार मानसिक और बौद्धिक रूप से अलग क्षमताओं वाले बच्चों के लिए विशेष कदम उठाने को तैयार है, जिससे वे बिना भेदभाव के शिक्षा प्राप्त कर सकें.
दिल्ली में भी हुई थी स्क्रीनिंग, शशि थरूर हुए भावुक ‘सितारे ज़मीन पर’ की विशेष स्क्रीनिंग पिछले महीने दिल्ली में भी आयोजित की गई थी, जिसमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी शामिल हुए थे। फिल्म देखकर थरूर ने कहा था कि “यह एक भावुक कर देने वाली फिल्म है. आमिर की अदाकारी हमेशा बेहतरीन रही है, और इस फिल्म में उन्होंने फिर साबित किया है कि वे सिर्फ अभिनेता नहीं, बल्कि संवेदनशील कहानीकार भी हैं.”
थरूर ने साझा किया कि एक लोकसभा कर्मचारी अपनी विकलांग बेटी के साथ फिल्म देखने आए थे। जब आमिर खान ने उस बच्ची की मुस्कान देखी तो वे आँखों में आंसू लिए भावुक हो उठे.
फिल्म की कहानी
‘सितारे ज़मीन पर’, साल 2007 की चर्चित फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’ की आध्यात्मिक अगली कड़ी मानी जा रही है. इस बार फिल्म की कहानी एक बास्केटबॉल कोच के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसकी भूमिका आमिर खान ने निभाई है. कोच को ऐसे बच्चों की टीम सौंपी जाती है जो न्यूरोडाइवर्जेंट (Neurodivergent) यानी मानसिक रूप से अलग क्षमताओं वाले होते हैं.
फिल्म का निर्देशन प्रसन्ना ने किया है और यह 20 जून को देशभर में रिलीज़ हुई थी। रिलीज़ के बाद से फिल्म को दर्शकों, शिक्षकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं.
एक फिल्म, एक संदेश
‘सितारे ज़मीन पर’ केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि यह समाज में विशेष बच्चों को लेकर व्याप्त धारणाओं को बदलने का प्रयास है। महाराष्ट्र सरकार जैसे प्रशासनिक स्तर से मिले समर्थन से यह स्पष्ट है कि यह फिल्म एक सामाजिक आंदोलन का हिस्सा बनती जा रही है — जहां हर बच्चा, चाहे जैसे भी हो, सम्मान, शिक्षा और अवसरों का हकदार है.