नई दिल्ली,
अभिनेत्री काजोल का मानना है कि 30 साल पहले जबरदस्त लोकप्रियता हासिल करने वाली फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ (डीडीएलजे) का यदि रीमेक बनाया भी जाए, तो उसे आज के दौर और सोच के अनुसार ढालना होगा, इसलिए वह पहले जैसा जादू फिर से पैदा करना संभव नहीं है।
डीडीएलजे 20 अक्टूबर 1995 को रिलीज हुई थी, जिसमें काजोल ने सिमरन और शाहरुख खान ने राज का किरदार निभाया था। यह फिल्म भारत की सबसे सफल फिल्मों में गिनी जाती है और आज भी मुंबई के मराठा मंदिर सिनेमाघर में इसे बड़े पर्दे पर दर्शाया जाता है।
फिल्म के 30 वर्ष पूरे होने के अवसर पर काजोल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, "अपना खुद का जादू पैदा करना होगा। मुझे नहीं लगता कि वह जादू फिर से पैदा किया जा सकता है।"उन्होंने बताया कि अगर डीडीएलजे का रीमेक बनाना हो तो उसे डीडीएलजे जैसा बनाना होगा, लेकिन वह कभी भी डीडीएलजे जैसी नहीं बन पाएगी। "फिल्म को अलग होना पड़ेगा। जब आप लोगों और समय को बदल देते हैं, तो कहानी को वर्तमान समाज और सोच के अनुसार ढालना पड़ता है। इससे फिल्म का पूरा स्वरूप बदल जाता है। इसलिए अपना जादू खुद बनाना होगा।"
डीडीएलजे ने बॉलीवुड रोमांस को एक नई पहचान दी थी, जिसमें दो प्रवासी भारतीय युवाओं की कहानी थी। आज भी इसके गीत जैसे ‘तुझे देखा तो ये जाना सनम’, ‘मेहंदी लगा के रखना’, ‘रुक जा...’, ‘मेरे ख्वाबों में...’ और ‘हो गया है तुझको तो प्यार सजना’ बेहद लोकप्रिय हैं। इसके संवाद ‘बड़े बड़े देशों में...’, ‘पलट’, ‘जा सिमरन जा’ आज भी लोगों के ज़ुबान पर हैं।
काजोल ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि ‘परफेक्ट फिल्म’ जैसी कोई चीज होती है और हमें पता भी नहीं था कि परफेक्ट फिल्म क्या होती है। लेकिन यह एक ऐसी फिल्म है जो आज भी दर्शकों के दिलों में जीवित है। डीडीएलजे को 30 साल हो रहे हैं, यह वाकई अद्भुत है। मुझे लगता है लोगों ने इसे अपना लिया है।"