मुंबई
उद्योगपति मुकेश अंबानी ने गुरुवार को कहा कि भारत का मीडिया और मनोरंजन उद्योग आने वाले दशक में तीन गुना से अधिक बढ़कर 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और यह देश की अर्थव्यवस्था व संस्कृति दोनों पर गहरा असर डालेगा.
‘विश्व दृश्य श्रव्य एवं मनोरंजन सम्मेलन’ (वेव्स) 2025 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अंबानी ने कहा कि इस उद्योग की वर्तमान वैल्यू लगभग 28 अरब डॉलर है, लेकिन डिजिटल प्रौद्योगिकी और भारतीय कहानी कहने की परंपरा के संगम से इसमें जबरदस्त विस्तार की संभावना है.
रिलायंस समूह, जो नेटवर्क 18, डिजिटल और मनोरंजन चैनलों के माध्यम से इस क्षेत्र में बड़ी हिस्सेदारी रखता है, भारत को एक अग्रणी डिजिटल राष्ट्र मानता है. अंबानी ने कहा, “कहानी कहने और उन्नत डिजिटल तकनीकों का अनूठा मेल भारत के लिए एक बड़ा अवसर बन चुका है.”
उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इमर्सिव टेक्नोलॉजी जैसी तकनीकों से भारतीय कहानियों को अधिक आकर्षक बनाया जा सकता है और इन्हें विश्वभर के दर्शकों तक तेजी से पहुंचाया जा सकता है.
अंबानी ने विश्वास जताया कि भारत के युवा रचनाकार इन तकनीकों का कुशल उपयोग कर वैश्विक स्तर पर हिट फिल्में और कंटेंट तैयार कर सकते हैं. उन्होंने भारतीय मनोरंजन क्षेत्र को महज ‘सॉफ्ट पावर’ नहीं, बल्कि एक ‘वास्तविक शक्ति’ बताया.
भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे पास रामायण, महाभारत और सैकड़ों लोककथाएं हैं, जो सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों से भरपूर हैं. ये कहानियां न केवल भारत को जोड़ती हैं, बल्कि दुनिया को भी प्रेरित कर सकती हैं.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सम्मेलन में उपस्थिति का जिक्र करते हुए अंबानी ने कहा कि यह ‘उम्मीद, एकता और अडिग संकल्प’ का प्रतीक है. उन्होंने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी और प्रधानमंत्री को इस संघर्ष में 145 करोड़ भारतीयों का समर्थन बताया.
अंत में उन्होंने कहा, “यह है नए भारत का जोश और आत्मविश्वास — जो सपनों को साकार करने में तेजी से आगे बढ़ रहा है और वैश्विक स्तर पर खुद को स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है.”
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