नई दिल्ली
बॉलीवुड के अनुभवी और लोकप्रिय अभिनेता परेश रावल अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बायोपिक में नजर आने वाले हैं। हाल ही में उन्होंने इस परियोजना और फिल्मों के प्रति अपने दृष्टिकोण पर खुलकर बातचीत की।
भारतीय मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में परेश रावल ने कहा, "मुझे लगता है कि आजकल किसी भी फिल्म का निर्माण करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। सोशल मीडिया ने हर व्यक्ति को एक तरह के सार्वजनिक आलोचक में बदल दिया है। लेकिन अगर आपके इरादे सही हैं, फ़िल्म ईमानदारी से बनाई गई है और किसी की भावना को ठेस नहीं पहुँचाती, तो आपको आलोचना की चिंता नहीं करनी चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं यह समझने की कोशिश करता हूँ कि हर व्यक्ति क्या चाहता है, लेकिन यह संभव नहीं है। मैं केवल वही कर सकता हूँ जो मुझे पसंद है। इस तरह, आप अपनी पसंद और दृष्टिकोण को सीमित कर सकते हैं। यही कारण है कि सीबीएफसी जैसी संस्थाएँ भी जागरूक रहती हैं और फिल्म निर्माण के दौरान मार्गदर्शन करती हैं।"
सोशल मीडिया पर ट्रोल्स को लेकर उन्होंने कहा, "मैं डरने वाला इंसान नहीं हूँ। मुझे ट्रोल्स को जवाब देना भी अच्छे से आता है। आज के डिजिटल युग में लोग अपनी राय व्यक्त कर सकते हैं, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक। वे अक्सर उन मुद्दों पर बहस करना पसंद करते हैं जिनके बारे में उनके परिवार के सदस्य भी नहीं जानते।"
अभिनेता ने यह भी जोड़ा कि उनकी प्राथमिकता हमेशा उनके काम और ईमानदारी रही है। "अगर आपके इरादे साफ हैं और फिल्म में संदेश स्पष्ट है, तो आलोचना कभी आपको रोक नहीं सकती। मैं हमेशा अपने दर्शकों के प्रति ईमानदार रहना चाहता हूँ और यही मेरी सफलता का मंत्र है।"
परेश रावल की यह खुली बात यह दर्शाती है कि वे किसी भी तरह के दबाव या आलोचना से प्रभावित नहीं होते और फिल्म निर्माण में अपनी स्वतंत्रता और सृजनात्मक दृष्टिकोण बनाए रखते हैं। उनका यह दृष्टिकोण विशेष रूप से ऐसे समय में महत्वपूर्ण है जब सोशल मीडिया हर पहलू पर तुरंत प्रतिक्रिया देता है।